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धनबाद : अंधेरे से परेशान सुगियाडीह के लोगों ने खुद जोड़ लिये स्ट्रीट लाइट का बिजली कनेक्शन, पढ़ें पूरी खबर

प्रभात खबर ने शुक्रवार को सुगियाडीह क्षेत्र का जायजा लिया गया. यहां पता चला लोगों ने खुद ही स्ट्रीट लाइट में बिजली कनेक्शन जोड़ लिया है. इनका कहना है कि आखिर कब तक हम अंधेरे में रहते. अधिकारियों ने और न ही सरकार ने कुछ किया. जांच से हमलोगों को क्या मतलब है.

Jharkhand News: वित्तीय वर्ष 2017-18 में 14 वें वित्त आयोग के 156 करोड़ खर्च कर विभिन्न वार्डोंं में इंटीग्रेटेड सड़क बनायी गयी. 38 ग्रुप का टेंडर हुआ. कुछ वार्ड में 80-90 प्रतिशत तक काम पूरा हो गया था. कुछ वार्डों में तकनीकी कारणों से काम शुरू नहीं हो पाया था. इंटीग्रेटेड सड़क का कॉन्सेप्ट था कि रोड के साथ नाली व स्ट्रीट लाइट भी होगी. इसी बीच गुमनाम पत्र पर एसीबी जांच शुरू हो गयी. लिहाजा जहां जितना काम हुआ था, उसे रोक दिया गया. लगभग 38 करोड़ की योजना जो शुरू नहीं हुई थी. पिछले चार साल से जांच चल रही है. योजना के तहत जिन मुहल्लों में स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है, वहां भी अंधेरा है. हालांकि कुछ जगहों पर अंधेरे से परेशान लोगों ने स्ट्रीट लाइट में खुद ही बिजली कनेक्शन करा लिया है.

एसीबी ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

धनबाद नगर निगम के प्राक्कलन घोटाला की जांच कर रही एसीबी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. मामले में पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल व तत्कालीन नगर आयुक्त चंद्रमोहन से पूछताछ की गयी थी. प्राक्कलन घोटाला से संबंधित आवश्यक कागजात की जांच भी जांच की थी. अब विधानसभा की तकनीकी सेल की टीम ने इसकी जांच शुरू की है. पिछले दिनों तकनीकी सेल के अधिकारी धनबाद आये थे. शहर के प्रमुख इंटीग्रेटेड सड़क सुगियाडीह, रघुवर नगर, कुसुम विहार, विनोद नगर आदि जगहों पर बनी इंटीग्रेटेड सड़कों की जांच कर लौट गयी. तकनीकी सेल की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी.

अंधेरे से परेशान होकर सुगियाडीह के लोगों ने खुद स्ट्रीट लाइट में बिजली कनेक्शन जोड़ लिया

इधर, वार्ड नंबर 23 के अंतर्गत सुगियाडीह में 500 से अधिक घर है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में इंटीग्रेटेड सड़क बनी. स्ट्रीट लाइट भी लगायी गयी, लेकिन कनेक्शन नहीं जोड़ा गया था. इसी बीच एसीबी जांच शुरू हो गयी. तीन साल तक स्ट्रीट लाइट बुझी रही. इससे आजीज सुगियाडीह के लोगों ने खुद 2022 में अपने स्तर से स्ट्रीट लाइट में बिजली कनेक्शन जोड़कर लिया. लोगों का कहना था कि आखिर कब तक अंधेरे में रहेंगे. शाम होते ही पूरे इलाके में अंधेरा पसर जाता था. घर से बहू-बेटी निकल नहीं पाती थी. लिहाजा पिछले साल ही अपने स्तर से स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन कर जला रहे हैं. कुछ सड़क आज भी आधी-अधूरी बनी हुई है. नगर निगम में शिकायत करने पर अधिकारी कहते हैं कि मामला एसीबी में है. लिहाजा न तो सड़क पर कुछ नया किया जा सकता है और न ही स्ट्रीट लाइट में कुछ किया जा सकता है. जब तक जांच पूरी नहीं होती है. इंटीग्रेटेड सड़क योजना से जुड़ी कोई भी नया काम नहीं हो सकता है.

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क्या कहते हैं ग्रामीण

सुगियाडीह के मनोहर कुमार दास ने कहा दास बस्ती से लेकर कुंज विहार तक इंटीग्रेटेड सड़क बनी है. कुछ काम आधा-अधूरा है. स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है. लेकिन कनेक्शन नहीं दिया गया. एसीबी जांच कर रही है. इससे हमलोगों को इससे क्या लेना देना. टैक्स देते हैं तो सुविधा मिलनी चाहिए. मजबूरी में हम सभी ने स्ट्रीट लाइट में कनेक्शन जोड़ दिया है. वहीं सोनू कुमार का कहना है कि इंटीग्रेटेड सड़क बनी. स्ट्रीट लाइट भी लगायी गयी. लेकिन तीन साल से स्ट्रीट लाइट नहीं जल रही थी. नगर निगम को बार-बार लिखित शिकायत की गयी, लेकिन नगर निगम स्तर से कोई पहल नहीं की गयी. बाध्य होकर हम ग्रामीणों ने स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन पोल कर कर दिया. मुहल्ले में लाइट जलने से थोड़ी राहत है.

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