Infosys वाले नारायण मूर्ति से मिलकर TrueCaller के सीईओ एलन ममेदी ने कही दिल छू लेनेवाली बात
TrueCaller के सीईओ एलन ममेदी ने लिखा, हमारी पहली मुलाकात 8 साल पहले हुई थी. तब हम एक-दूसरे को जानते नहीं थे. बातचीत के दौरान उन्होंने मुझे इन्फोसिस के बारे में बताया.
TrueCaller CEO Alan Mamedi on Infosys Co-founder Narayana Murthy : ट्रूकॉलर के सीईओ ऐलन ममेदी ने इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के साथ अपनी तस्वीर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर शेयर की है. उन्होंने लिखा, हमारी पहली मुलाकात 8 साल पहले हुई थी. तब हम एक-दूसरे को जानते नहीं थे. बातचीत के दौरान उन्होंने मुझे इन्फोसिस के बारे में बताया. तब मैंने कहा, बचपन में मेरा सपना इस कंपनी के लिए काम करने का था.
ट्रूकॉलर के सह-संस्थापक और सीईओ, एलन ममेदी ने इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के साथ अपनी पहली मुलाकात का वर्णन करने के लिए एक्स का सहारा लिया. उन्होंने बताया कि जब वह आठ साल पहले श्री मूर्ति से मिले थे, तो उन्हें पता नहीं था कि वह कौन हैं और क्या करते थे. शुक्रवार को साझा की गई एक पोस्ट में, ममेदी ने मूर्ति को अविश्वसनीय रूप से विनम्र व्यक्ति बताया और साझा किया कि उन्होंने जीवन के बारे में हर चीज पर चर्चा करते हुए एक घंटा बिताया.
दिलचस्प बात यह है कि जब ममेदी ने उनसे पूछा कि वह क्या करते हैं, तो 77 वर्षीय अरबपति ने खुद को केवल एक परोपकारी व्यक्ति बताया और इंफोसिस का कोई जिक्र नहीं किया. उन्होंने कहा, मेरी पत्नी हमेशा मुझसे कहती थी कि क्योंकि जीवन में मेरी किस्मत अच्छी है, इसलिए मुझे वापस देना चाहिए और आज मैं वही कर रहा हूं. वापस दे रहे हैं.
First time I met Narayana was almost 8 yrs ago. I did not know who he was and he didn't know what I did. After an inspiring hour of discussing everything about life, I asked him what he do and he said "My wife always told me that because I had luck in life, I must give back, and… https://t.co/7dVJupNmqI pic.twitter.com/KGljiEvW59
— Alan Mamedi (@AlanMamedi) November 3, 2023
बाद में, जब ट्रूकॉलर के सीईओ को मूर्ति के इंफोसिस कनेक्शन के बारे में पता चला, तो उन्होंने खुलासा किया कि वह एक बच्चे के रूप में बड़े होकर इंफोसिस के लिए काम करना चाहते थे. बाद में जब उन्होंने मुझे इंफोसिस के बारे में बताया, तो मैंने उनसे कहा कि बचपन में मेरा सपना उनकी कंपनी के लिए काम करना था, क्योंकि हमारे घर का कंप्यूटर खराब हो गया था और इंफोसिस का एक आदमी उसे ठीक करने के लिए हमारे घर आया था. उन्होंने लिखा, यह हास्यास्पद है कि जीवन कभी-कभी कैसे खेलता है.
Also Read: X को डेटिंग ऐप बनाएंगे Elon Musk, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लैटफॉर्म पर आयेंगे डिजिटल बैंक वाले भी फीचर्सजब एक उपयोगकर्ता ने उनसे पूछा कि क्या इंफोसिस घरेलू कंप्यूटर की मरम्मत करता है, तो ममेदी ने स्पष्ट करते हुए कहा, वास्तव में नहीं. मैंने एक ऐसी कंपनी से एक इस्तेमाल किया हुआ कंप्यूटर खरीदा जिसका इंफोसिस के साथ सेवा समझौता था और मुझे उनसे वारंटी विरासत में मिली. सेवा वाला बहुत आश्चर्यचकित था कि उसे इसे किसी की रसोई में ठीक करना पड़ा.
गौरतलब है कि मूर्ति इन दिनों भारत की कार्य संस्कृति पर अपनी टिप्पणियों को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं. उन्होंने यह सुझाव देकर देशव्यापी बहस छेड़ दी कि देश के युवाओं को भारत के विकास को सुनिश्चित करने के लिए स्वेच्छा से सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए. जहां कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उनके प्रस्तावित कार्य शेड्यूल को अमानवीय बताया, वहीं कई उद्योग और व्यापार जगत के नेताओं ने भी इस मामले पर अपनी राय साझा की.
जहां ओला कैब्स के सीईओ भाविश अग्रवाल, जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन सज्जन जिंदल, टेक महिंद्रा के सीईओ सीपी गुरनानी और सीआरईडी के कुणाल शाह ने उनकी टिप्पणियों का समर्थन किया, वहीं आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका, शार्क टैंक इंडिया की नमिता थापर और क्योरफिट और मिंत्रा के संस्थापक मुकेश बंसल ने अपने विचारों के साथ असहमति जतायी.