तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी के दिन ही किया जाता है, हालांकि कुछ लोग द्वादशी के दिन भी तुलसी विवाह करते हैं. इस साल प्रबोधिनी एकादशी 14 और 15 नवंबर दोनों दिन लग रही है. ऐसे में ज्यादातर लोग एकादशी तिथि को लेकर असमंजस में है जबकि तुलसी विवाह को लेकर भी यह सोच रहे हैं कि 14 नवंबर को करें या 15 नवंबर को. धर्मसिंधु ग्रंथ के अनुसार यदि जब एकादशी तिथि के साथ द्वादशी लग रही हो तो उस दिन तुलसी विवाह प्रदोष काल में कराना चाहिए. बताए गए इस नियम के अनुसार इस साल 15 नवंबर को तुलसी विवाह कराना और प्रबोधिनी एकादशी व्रत रखना सबसे शुभ होगा. तुलसी विवाह के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है.
तुलसी विवाह के दौरान इन बातों का ध्यान रखें
: अंखड सौभाग्य और सुख-समृद्धि के लिए हर सुहागन स्त्री को तुलसी विवाह जरूर करना चाहिए.
: पूजा के समय मां तुलसी को सुहाग का सामान और लाल चुनरी चढ़ाना चाहिए.
: तुलसी के गमले में शालीग्राम को साथ रखना चाहिए और तिल चढ़ाना चाहिए.
: तुलसी और शालीग्राम को दूध में भीगी हल्दी का तिलक लगाना चाहिए.
: पूजा के बाद किसी भी चीज के साथ 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करने की परंपरा है.
: मिठाई और प्रसाद का भोग लगाना चाहिए.
तुलसी विवाह सबसे शुभ मुहूर्त
15 नवंबर शाम 6 बजे से 7 बजकर 39 मिनट तक प्रदोष काल में तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त है.
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सोमवार, नवम्बर 15, 2021 को
द्वादशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 15, 2021 को सुबह 06:39 बजे
द्वादशी तिथि समाप्त – नवम्बर 16, 2021 को सुबह 08:01 बजे
शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:58 बजे से 05:51 बजे तक
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:44 बजे से 12:27 बजे तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 01:53 बजे से 02:36 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:17 बजे से 05:41 बजे तक
अमृत काल- रात 01:02 बजे से 02:44 बजे तक
निशिता मुहूर्त- रात 11:39 बजे से 12:33 सुबह तक, नवम्बर 16