लाइव अपडेट
आर्थिक तंगी दूर करने के लिए इस मंत्र का करें जाप
मान्यता है कि तुलसी विवाह के दिन आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए तुलसी पूजा के समय इस मंत्र का जाप (Tulsi Mantra Jaap) किया जाए, तो मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. जाने इन मंत्रों के बारे में.
- महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते..
तुलसी के पत्तों को छूते हुए इस मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं.
संध्या काल में ऐसे संपन्न करें तुलसी विवाह
तुलसी विवाह के लिए एक चौकी पर आसन बिछा कर तुलसी और शालीग्राम की मूर्ति स्थापित करें. चौकी के चारों और गन्ने का मण्डप सजाएं और कलश की स्थापना करें. सबसे पहले कलश और गौरी गणेश का पूजन करें. अब माता तुलसी और भगवान शालीग्राम को धूप, दीप, वस्त्र, माला, फूल अर्पित करें. तुलसी माता को श्रृगांर के सामान और लाल चुनरी चढ़ाएं. ऐसा करने से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है. पूजा के बाद तुलसी मंगलाष्टक का पाठ करें. हाथ में आसन सहित शालीग्राम को लेकर तुलसी के सात फेरे लें. फेरे पूरे होने के बाद भगवान विष्णु और तुलसी की आरती करें. पूजा के बाद प्रसाद बाटें.
तुलसी विवाह मुहूर्त
द्वादशी तिथि प्रारम्भ- 15 नवम्बर 2021 को 06:39 AM बजे
द्वादशी तिथि समाप्त- 16 नवम्बर 2021 को 08:01 AM बजे
तुलसी विवाह 15 नवंबर दिन सोमवार को
तुलसी विवाह पूजा विधि
तुलसी विवाह के लिए एक चौकी पर आसन बिछा कर तुलसी और शालीग्राम की मूर्ति स्थापित करें. चौकी के चारों और गन्ने का मण्डप सजाएं और कलश की स्थापना करें. सबसे पहले कलश और गौरी गणेश का पूजन करें. अब माता तुलसी और भगवान शालीग्राम को धूप, दीप, वस्त्र, माला, फूल अर्पित करें. तुलसी माता को श्रृगांर के सामान और लाल चुनरी चढ़ाएं. ऐसा करने से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है. पूजा के बाद तुलसी मंगलाष्टक का पाठ करें. हाथ में आसन सहित शालीग्राम को लेकर तुलसी के सात फेरे लें. फेरे पूरे होने के बाद भगवान विष्णु और तुलसी की आरती करें. पूजा के बाद प्रसाद बाटें.
तुलसी विवाह सामग्री लिस्ट
पूजा में मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेर, मूली, सीताफल, अमरुद और अन्य ऋतु फल चढ़ाएं जाते हैं. श्रृंगार के सामान, चुनरी, सिंदूर से तुलसी माता का श्रृंगार किया जाता है. गन्ने की मदद से मंडप सजाए जाते हैं. फूलों की लड़ियों से मंडप को सजाया जाता है.
तुलसी मंगलाष्टक मंत्र
ॐ श्री मत्पंकजविष्टरो हरिहरौ, वायुमर्हेन्द्रोऽनलः। चन्द्रो भास्कर वित्तपाल वरुण, प्रताधिपादिग्रहाः ।
प्रद्यम्नो नलकूबरौ सुरगजः, चिन्तामणिः कौस्तुभः, स्वामी शक्तिधरश्च लांगलधरः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥1
गंगा गोमतिगोपतिगर्णपतिः, गोविन्दगोवधर्नौ, गीता गोमयगोरजौ गिरिसुता, गंगाधरो गौतमः ।
गायत्री गरुडो गदाधरगया, गम्भीरगोदावरी, गन्धवर्ग्रहगोपगोकुलधराः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥2
नेत्राणां त्रितयं महत्पशुपतेः अग्नेस्तु पादत्रयं, तत्तद्विष्णुपदत्रयं त्रिभुवने, ख्यातं च रामत्रयम् । गंगावाहपथत्रयं सुविमलं, वेदत्रयं ब्राह्मणम्, संध्यानां त्रितयं द्विजैरभिमतं, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥3
बाल्मीकिः सनकः सनन्दनमुनिः, व्यासोवसिष्ठो भृगुः, जाबालिजर्मदग्निरत्रिजनकौ, गर्गोऽ गिरा गौतमः । मान्धाता भरतो नृपश्च सगरो, धन्यो दिलीपो नलः, पुण्यो धमर्सुतो ययातिनहुषौ, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥4
गौरी श्रीकुलदेवता च सुभगा, कद्रूसुपणार्शिवाः, सावित्री च सरस्वती च सुरभिः, सत्यव्रतारुन्धती ।
स्वाहा जाम्बवती च रुक्मभगिनी, दुःस्वप्नविध्वंसिनी, वेला चाम्बुनिधेः समीनमकरा, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥5
गंगा सिन्धु सरस्वती च यमुना, गोदावरी नमर्दा, कावेरी सरयू महेन्द्रतनया, चमर्ण्वती वेदिका ।
शिप्रा वेत्रवती महासुरनदी, ख्याता च या गण्डकी, पूर्णाः पुण्यजलैः समुद्रसहिताः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥6
लक्ष्मीः कौस्तुभपारिजातकसुरा, धन्वन्तरिश्चन्द्रमा, गावः कामदुघाः सुरेश्वरगजो, रम्भादिदेवांगनाः ।
अश्वः सप्तमुखः सुधा हरिधनुः, शंखो विषं चाम्बुधे, रतनानीति चतुदर्श प्रतिदिनं, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥7
ब्रह्मा वेदपतिः शिवः पशुपतिः, सूयोर् ग्रहाणां पतिः, शुक्रो देवपतिनर्लो नरपतिः, स्कन्दश्च सेनापतिः ।
विष्णुयर्ज्ञपतियर्मः पितृपतिः, तारापतिश्चन्द्रमा, इत्येते पतयस्सुपणर्सहिताः, कुवर्न्तु वो मंगलम् ॥8
॥ इति मंगलाष्टक समाप्त ॥
तुलसी मंत्र
मान्यता है कि तुलसी विवाह के दिन आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए तुलसी पूजा के समय इस मंत्र का जाप (Tulsi Mantra Jaap) किया जाए, तो मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. जाने इन मंत्रों के बारे में.
- महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते..
तुलसी के पत्तों को छूते हुए इस मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं.
तुलसी विवाह के दौरान इन बातों का ध्यान रखें
: अंखड सौभाग्य और सुख-समृद्धि के लिए हर सुहागन स्त्री को तुलसी विवाह जरूर करना चाहिए.
: पूजा के समय मां तुलसी को सुहाग का सामान और लाल चुनरी चढ़ाना चाहिए.
: तुलसी के गमले में शालीग्राम को साथ रखना चाहिए और तिल चढ़ाना चाहिए.
: तुलसी और शालीग्राम को दूध में भीगी हल्दी का तिलक लगाना चाहिए.
: पूजा के बाद किसी भी चीज के साथ 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करने की परंपरा है.
: मिठाई और प्रसाद का भोग लगाना चाहिए.
चंद्र दोष दूर होता है
जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा की कमजोर होती है, उनको जल और फल खाकर या निर्जल एकादशी का उपवास जरूर रखना चाहिए. इससे चंद्र देव प्रसन्न होते हैं, और उसका चंद्र सही होकर मानसिक स्थिति भी सुधर जाती है.
गन्ने का महत्व
इस दिन रात में घरों में चावल के आटे का चौक बनाकर उसपर गन्ने से पूजा की जाती है. कहते हैं जिस घर में ये पूजा होती है उस पर भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है.
विष्णु पूजा
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. अगर इस दिन कोई पूजा पाठ ना करके केवल “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः “मंत्र का जाप करते हैं तो भी लाभ मिलता है.
तुलसी विवाह का महत्व
तुलसी विवाह का आयोजन करना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम के साथ तुलसी का विवाह कराने वाले व्यक्ति के जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उस पर भगवान हरि की विशेष कृपा होती है. तुलसी विवाह को कन्यादान जितना पुण्य कार्य माना जाता है. कहा जाता है कि तुलसी विवाह संपन्न कराने वालों को वैवाहिक सुख मिलता है.
तुलसी विवाह पूजा विधि
एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें और व्रत संकल्प लें
इसके बाद भगवान विष्णु की अराधना करें
अब भगवान विष्णु के सामने दीप-धूप जलाएं। फिर उन्हें फल, फूल और भोग अर्पित करें
मान्यता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी जरुरी अर्पित करनी चाहिए
शाम को विष्णु जी की अराधना करते हुए विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें
एकादशी के दिन पूर्व संध्या को व्रती को सिर्फ सात्विक भोजन करना चाहिए
एकादशी के दिन व्रत के दौरान अन्न का सेवन नहीं किया जाता
एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित है
एकादशी का व्रत खोलने के बाद ब्राहम्णों को दान-दक्षिणा दें
Tulsi Vivah 2021: तुलसी मंत्र
‘महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते’
कहते हैं इस मंत्र का जाप नियमित रूप से तुलसी के पत्ते या पौधे को छूते हुए करना चाहिए.
मान्यता है इससे व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं.
तुलसी विवाह सामग्री लिस्ट-
पूजा में मूली, शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेर, मूली, सीताफल, अमरुद और अन्य ऋतु फल चढाएं जाते हैं.
Tulsi Vivah 2021: तुलसी विवाह मुहूर्त
द्वादशी तिथि प्रारम्भ- 15 नवम्बर 2021 को 06:39 AM बजे
द्वादशी तिथि समाप्त- 16 नवम्बर 2021 को 08:01 AM बजे
तुलसी विवाह 15 नवंबर दिन सोमवार को