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सांस लेने में तकलीफ हुई तो पश्चिम बंगाल के 12,343 बच्चे अस्पताल में हुए भर्ती, एडिनो वायरस से 19 की मौत

एडिनो वायरस की रोकथाम के लिए राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व में गठिक टास्क फोर्स की पहली बैठक सोमवार को हुई. इस बैठक के बाद राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरुप निगम द्वारा उक्त प्रेस विज्ञाप्ति जारी की गयी.

कोलकाता

राज्यभर में सर्दी-खांसी, बुखार और सांस लेने में दिक्कत यानी एक्यूट रिस्पेटरी इंफेक्शन (एआरआइ) पीड़ित 12,343 बच्चे चिकित्सा के लिए पिछले दो सप्ताह के दौरान अस्पताल में भर्ती कराये गये हैं. वहीं पिछले दो महीने में एडिनो वायरस से राज्य में 19 बच्चों की मौत हुई है. राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी गयी है.

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एडिनो वायरस की रोकथाम के लिए राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व में गठिक टास्क फोर्स की पहली बैठक सोमवार को हुई. इस बैठक के बाद राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरुप निगम द्वारा उक्त प्रेस विज्ञाप्ति जारी की गयी. प्रेस विज्ञाप्ति के अनुसार, राज्य में अब तक जिन 19 बच्चों की मौत हुई है, उनमें 13 कोमोरबिडिटी से हुई, जबकि छह बच्चों की मौत एडिनो वायरस की वजह से हुई है.

इन कारणों से हुई 13 शिशुओं की मौत

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मारे गये बच्चों में तीन की शारीरिक वजन काफी कम थी. इसके अलावा दो फेफड़े की समस्या से जूझ रहे थे. तीन बच्चे जन्मजात होने वाली हृदय की बींमारियों से जूझ रहे थे. दो बच्चे मेटाबॉलिज्म डिसऑर्डर यानी ये बच्चे एंजाइम डेफिशियेंसी से जूझ रहे थे. दो बच्चे मस्कुलर डिस्ट्रोफी और एक शिशु अन्य किसी संक्रमण से जूझ रहा था. ऐसे में इनके एडिनो वायरस की चपेट में आने से उनकी मौत हुई.

कम हो रहा प्रकोप

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि, एक्यूट रिस्पेटरी इंफेक्शन (एआरआइ) के मामले घट रहे हैं. विभाग के अनुसार, राज्य के विभिन्न सरकार अस्पताल में एक्यूट रिस्पेटरी इंफेक्शन यानी सांस की समस्या को लेकर इससे पहले प्रतिदिन करीब 800 बच्चे भर्ती कराये जाते थे. अब प्रतिदिन करीब 600 बच्चे भर्ती कराये जा रहे हैं.

बच्चों की चिकित्सा के लिए सरकारी अस्पतालों में बेडों की संख्या

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एआरआइ पीड़ित बच्चों के लिए राज्यभर के सरकारी अस्पतालों में कुल 7,625 की व्यवस्था की गयी है. वहीं 4,414 बेड पर मरीजों की चिकित्सा चल रही है, जबकि सोमवार तक कुल 3211 सीट खाली थे. इनमें जनरल पेडियाट्रिक बेड की संख्या पांच हजार है. इसके अलावा पेडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) में 654, निओनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट ( एनआईसीयी) बेड 223 और 1748 सिक न्यूबॉर्न क्रिटिकल यूनिट (एसएनसीयू) के लिए कुल 1748 की व्यवस्था है. वहीं सोनवार तक जनरल पेडियाट्रिक बेड 2237, पीआईसीयू में 389 , एनआईसीयी 537 बेड खाली थे.

निजी अस्पतालों के चिकित्सकों को मिलेगा प्रशिक्षण

एडिनो वायरस के लिए गठित टास्क फोर्स की पहली बैठक सोमवार को हुई. इस बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गयी. बैठक प्राइवेट अस्पतालों और निजी चेंबर्स में बैठने वाले चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिये जाने का निर्णय लिया गया है. ज्ञात हो कि इससे पहले ग्रामीण और ब्लॉक स्तर में चिकित्सक करने वाले सरकारी चिकित्सकों की प्रशिक्षण दी गयी थी. वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रैक्टिशनर्स (आइएपी) की मदद स्वास्थ्य विभाग लेगा. ये दोनों संगठन अपने चिकित्सक सदस्यों के साथ आम लोगों को भी जागरूक करेंगे. वहीं सरकारी अस्पतालों के वरिष्ठ चिकित्सक व विशेषज्ञ अस्पतालों के ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल पर नजर रखेंगे.

आशा कर्मी लोगों को करेंगी जागरूक

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि प्राथमिक स्क्रीनिंग का कार्य आंगनवाड़ी कर्मी करेंगी. आगनवाड़ी कर्मी उक्त संक्रमण से पीड़ित बच्चों को चिन्हित कर उनके माता-पिता को जानकारी देंगी. आशाकर्मियों को घर-घर जाने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा राज्य स्वास्थ्य विभाग सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों को जागरूक करेगा.

निजी अस्पतालों के साथ हेल्थ कमीशन की बैठक आज

स्वास्थ्य विभाग की ओर से वेस्ट बंगाल क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन को मंगलवार को निजी अस्पतालों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया गया है. ताकि निजी अस्पताल भी राज्य सरकार के ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल का पालन करें. ताकि निजी अस्पतालों में पीड़ित बच्चों की चिकित्सा हो सके.

  • राज्यभर में अब तक 19 बच्चों की हो चुकी है मौत

  • इलाज के लिए राज्य भर में सात हजार से अधिक बेड की व्यवस्था

  • स्वास्थ्य विभाग में हुई टास्क फोर्स की पहली बैठक

  • छह बच्चों की मौत एडिनो वायरस से हुई

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