Bengal news, Kolkata news : कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (West Bengal Governor Jagdeep Dhankar) ने राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाये थे. उन्होंने ट्वीटर के माध्यम से आरोप लगाया था कि राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, जिसमें प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों से लेकर सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों तक की संलिप्तता है. उन्होंने चेतावनी दी है कि वह राज्य के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते यह सुनिश्चित करेंगे कि इन सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित हो.
अपने ट्वीट में राज्यपाल ने बंगाल पुलिस और कोलकाता पुलिस को सीधे टैग करते हुए लिखा था कि वर्दी में शामिल लोगों की भी इसमें समलिप्तता है और इन भ्रष्ट लोगों के खिलाफ अनुकरणीय कार्रवाई कर इसका पर्दाफाश किया जाना जरूरी है, ताकि लोकतंत्र बचा रहे.
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वहीं, इन आरोपों पर गृह विभाग ने सोमवार को ट्वीट किया कि राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिकाओं और जवाबदेही के आचरण पर ‘कुछ लोगों’ द्वारा बार-बार सवाल उठाये जा रहे हैं. यह सही नहीं है. पश्चिम बंगाल सरकार शासन में पारदर्शिता और ईमानदारी के लिए प्रतिबद्ध है. गृह विभाग ने एक और ट्वीट में कहा कि आईपीएस अधिकारी ज्ञानवंत सिंह के खिलाफ किसी भी मामले की जांच लंबित नहीं है.
इधर, बंगाल गृह विभाग द्वारा ‘कुछ लोग’ कहे जाने पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. राज्यपाल ने कहा कि गृह विभाग का यह ट्वीट दर्शाता है कि राज्य के गवर्नेंस में अराजकता फैली हुई है. इससे पहले मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव ने आईपीएस अधिकारी ज्ञानवंत सिंह के खिलाफ जांच के मुद्दे पर कभी कुछ नहीं कहा. राज्यपाल ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 2 सेवानिवृत आईपीएस अधिकारियों को दी गयी जिम्मेदारियों पर भी सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि सुरजीत कर पुरकायस्थ को राज्य का सुरक्षा सलाहकार एवं रीना मित्रा को आंतरिक सुरक्षा मामलों की प्रधान सलाहकार नियुक्त किया गया है. इस बारे में राज्य के मुख्य सचिव एवं डीजीपी ने चुप्पी साध रखी है.
Posted By : Samir Ranjan.