बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा में एक बार फिर कांवड़ यात्रा को लेकर दो समुदाय आमने- सामने आ गए हैं. यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और बवाल की अफवाह से लोग सहमे हुए हैं. एक समुदाय का आरोप है कि कांवड़ियों को नए रूट से निकाला जा रहा है. इसका पुलिस से शिकायत कर विरोध किया लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है.नई परंपरा से खफा एक समुदाय विशेष की महिलाएं रोड पर बैठ गई हैं. उनको समझाने की कोशिश की जा रही है.पिछले रविवार को भी कांवड़ियों के निकलने के दौरान बवाल हुआ था.उस वक्त जोगी नवादा चौकी इंचार्ज अमित कुमार की तरफ से 200 से 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.इसमें आरोप था कि कांवड़ियों ने धर्मस्थल के पास सफेद रंग का पाउडर (केमिकल) उड़ाया था.इसके बाद ही पथराव शुरू हुआ था.
शहर के जोगी नवादा में माहौल बिगड़ने की सूचना पर इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के प्रमुख नेता डॉक्टर नफीस खां, और नदीम खां समेत तमाम प्रमुख लोग मौके पर पहुंचे.उन्होंने पुलिस अफसरों से बात की. इसमें बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है.हालांकि आईएमसी नेताओं का कहना है कि नई परंपरा डलवाने से हमेशा बवाल की आशंका रहेगी.यह गलत है.वहीं कांवड़ियों को न निकलने देने की सूचना पर भाजपा के महानगर संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों समेत हिंदू संगठनों के नेता भी पहुंच गए हैं.उन्होंने भी पुलिस प्रशासन अफसरों से बात की.रविवार को कांवड़ियों के एकत्र होने के बाद सोशल मीडिया पर पुराना समझौता नामा भी काफी तेजी से वायरल हो रहा है.यह समझौता दोनों समुदाय के बीच करीब 13 वर्ष पहले बारादरी थाने में हुआ था.इसमें कांवड़ियों के 300 मीटर तक कोई डीजे न बजाने और 10 -10 लोगों के निकलने पर सहमति हुई थी. पिछले रविवार को रास्ते से 2000 लोगों को निकालने का आरोप है.
एक समुदाय का कहना है कि मौर्य गली से कभी भी कावड़ यात्रा धर्मस्थल से होकर नहीं गुजरी है, लेकिन इस बार यहां से निकालकर नई परंपरा बनाने का प्रयास किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि शनिवार रात को कुछ पुलिसकर्मी आए थे, जो यह कहकर गए हैं कि रविवार को इसरोड से मौर्य गली का कांवड़ जत्था गुजरेगा. सभी लोग मिलकर सहयोग करना.यहां से कावड़ जत्था बिलकुल न निकलने देने की बात कही है.उनका कहना है कि कुछ वर्ष पहले गोसाईं गौटिया से 10-10 कांवड़ियों की 300 मीटर की दूरी पर टोली निकलने का दोनों समुदायों के बीच समझौता हुआ था.मगर, अब जोर-जबर्दस्ती से पूरे के पूरे काफिले, और जत्थे निकाले जा रहे हैं. इससे पहले धर्म स्थल से कांवड़ यात्रा निकाले जाने के वीडियो और परमिशन दिखाएं कि यहां से कभी उनका काफिला गुजरा हो, तो वह उनके जत्थे को निकलने देंगे.उन्होंने कहा कि कांवड़ जत्थे के निकलने में सहयोग के साथ स्वागत भी करेंगे.बोले,दूसरे समुदाय से कोई बैर नहीं है.हम सब यहां आपस में रहते हैं, लेकिन नई परंपरा के लिए कोई गुंजाइश नहीं हैं.
मौर्य गली में रहने वाले लोगों का कहना है कि वह साल 2006-07 से लगातार कांवड़ जत्था लेकर बदायूं में गंगा के कछला घाट से जल भरकर आते हैं. इससे पहले ट्रैक्टर-ट्रॉली और डीजे के साथ उनकी कांवड़ यात्रा मौर्य गली से शुरू होकर शाह नूरी मस्जिद होते हुए बाबा श्रीवनखंडीनाथ मंदिर पर पहुंचती है. वहां से अपने परिवारों से विदा लेकर जल भरने के लिए रवाना होते हैं, इसको लेकर वह पिछले सालों की परमिशन दिखाने के लिए तैयार हैं.
Also Read: रोजगार : नैनी एयरोस्पेस से 5 दिन की ट्रेनिंग लेकर 10 वीं पास उड़ाएंगे ड्रोन , खेती में मिलेगी बड़ी मददपिछले रविवार को दोनों समुदाय के बीच पथराव हुआ था.इसमें पुलिस की गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई थी.इसमें मुकदमा हो चुका है.मगर, स्थानीय थाना पुलिस की भी लापरवाही सामने आई थी.इस मामले में बदायूं के एसएसपी को जांच सौंपी गई है.वह जल्द जांच रिपोर्ट सौंपेंगे. जोगी नवादा में दोनों समुदाय की भीड़ एकत्र होने के बाद डीएम शिवाकांत द्विवेदी, एसएसपी प्रभाकर चौधरी, एसपी सिटी राहुल कुमार, एडीएम समेत सभी पुलिस, और प्रशासन के अफसर मौजूद थे.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद