एक महीने में लाखों ग्राहकों ने बदल दिया मोबाइल ऑपरेटर, जानें क्या है वजह
लॉकडाउन के दौरान सेवा से संतुष्ट नहीं होने पर एक माह में ही झारखंड-बिहार में कुल दो लाख ग्राहकों ने दूसरे मोबाइल ऑपरेटर का दामन थाम लिया. अप्रैल 2020 तक झारखंड-बिहार में एमएनपी ग्राहकों की संख्या 20.27 मिलियन यानी दो करोड़ दो लाख 70 हजार थी.
रांची : लॉकडाउन के दौरान सेवा से संतुष्ट नहीं होने पर एक माह में ही झारखंड-बिहार में कुल दो लाख ग्राहकों ने दूसरे मोबाइल ऑपरेटर का दामन थाम लिया. अप्रैल 2020 तक झारखंड-बिहार में एमएनपी ग्राहकों की संख्या 20.27 मिलियन यानी दो करोड़ दो लाख 70 हजार थी. मई में यह बढ़ कर 20.47 मिलियन यानी दो करोड़ चार लाख 70 हजार हो गयी. मोबाइल नंबर बदले बिना ऑपरेटर बदलने की सुविधा मिलने के बाद लोग इसका खूब प्रयोग कर रहे हैं. कॉलिंग और इंटरनेट नेटवर्क में परेशानी होने पर बिना देरी किये दूसरी कंपनियों की सेवा अपना रहे हैं.
आसानी से करा सकते हैं पोर्ट : मोबाइल ऑपरेटर को बदलने के लिए ग्राहकों को 1900 नंबर पर PORT (मोबाइल नंबर) लिख कर भेजना होता है. इसके बाद ग्राहक के पास यूनिवर्सल पोर्टेबिलिटी कोड यानी यूपीसी मिलता है. यह कोड ग्राहक को उस कंपनी को देना पड़ता है, जिस कंपनी में ग्राहक अपने नंबर को पोर्ट कराना चाहता है.
साथ ही आवश्यक दस्तावेज देने होते हैं. इसके बाद आपको नयी सिम दी जाती है. जब नंबर को बंद किया जाता है, तो पुरानी सिम के सिग्नल को कुछ देर के लिए बंद कर दिया जाता है. इसके बाद आपको अपने फोन में नया सिम कार्ड लगाना होता है.
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झारखंड-बिहार के लोग मोबाइल नंबर बदले बिना ऑपरेटर बदलने की सुविधा का उठा रहे लाभ
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कॉलिंग और इंटरनेट नेटवर्क में परेशानी होने पर दूसरी कंपनियों की सेवा अपना रहे हैं
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अप्रैल तक झारखंड-बिहार में एमएनपी ग्राहकों की संख्या 20.27 मिलियन थी