Ghaziabad Metro: गाजियाबाद में जल्द शुरू होंगे 2 मेट्रो प्रोजेक्ट, इन रूट्स के लिए बैठक में होगा फैसला
योगी सरकार जल्द ही गाजियाबाद में 2 मेट्रो प्रोजेक्ट योजना की काम शुरू कर सकती है. वैशाली से मोहन नगर और नोएडा सेक्टर-62 से वसुंधरा कट तक के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू किए जा सकेंगे.
Ghaziabad : योगी सरकार जल्द ही गाजियाबाद में 2 मेट्रो प्रोजेक्ट योजना की काम शुरू कर सकती है. वैशाली से मोहन नगर और नोएडा सेक्टर-62 से वसुंधरा कट तक के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू किए जा सकेंगे. इस बारे में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पैरवी कर आर्थिक रूप से मदद दिलवाने का तब आश्वासन दिया था जब वे हाल ही में गाजियाबाद दौरे पर आए थे. सरकार से फंड मिलने की देरी है, अगर बात ठीक बैठ गई तो इस साल जिले में 2 मेट्रो प्रोजेक्ट शुरू किए जा सकते हैं.
दरअसल, अगले साल लोकसभा चुनाव हैं. ऐसे में चुनावी रणनीति को सही रूप देने के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए सरकार के द्वारा फंड देने पर मुहर लगाने की पूरी संभावना है. हालांकि, अच्छी बात यह है कि यूपी शासन के शहरी आवास एवं नियोजन अनुभाग में फंड देने वाली फाइल को आगे बढ़ा दिया गया है. शासन की तरफ से मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर बैठक बुलाई गई है.
2 मई को अपर मुख्य सचिव करेंगे बैठक
सरकार ने इस मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर अधिकारियों की आगामी 2 मई को एक बैठक बुलाई है. बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश करेंगे. साथ ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, नगर निगम, यूपीएसआईडीसी सहित दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अधिकारी भी इस बैठक में शामिल होंगे. जीडीए के उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने इस पर जानकारी देते हुए कहा कि इस रूट पर मेट्रो के अलावा कोई भी विकल्प सही साबित नहीं होगा. इसलिए इस रूट पर पिछली बोर्ड की बैठक में मेट्रो प्रोजेक्ट का प्रस्ताव पारित कराया गया था.
मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत क्या है?
वैशाली से मोहन नगर तक के प्रोजेक्ट में 1808.22 करोड़ की लागत प्रस्तावित किया गया है. वहीं नोएडा सेक्टर 62 से वसुंधरा कट तक के लिए प्रस्तावित लागत 1517 करोड़ रुपये हैं. जीडीए की तरफ से शासन से 50 प्रतिशत अंशदान यानी कि दोनों प्रोजेक्ट के प्रस्तावित कुल लागत 3325.22 करोड़ रुपयों का 1662.61 करोड़ रुपये हैं.
लेकिन सरकार ने कानपुर, लखनऊ, आगरा सहित अन्य शहरों में मेट्रो परियोजनाएं संचालित होने और एनसीआर में रैपिड रेल प्रोजेक्ट पर काफी खर्च होने के चलते फंड देने से मना कर दिया था. हालांकि अब डिप्टी सीएम के आश्वासन के बाद फंड अप्रूव होने की संभावना बढ़ गई है.