ओडिशा के कालाहांडी जिले में जात्रा (लोक रंगमंच) देखकर लौट रहीं दो आदिवासी नाबालिग लड़कियों के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई है. पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि घटना 16 अप्रैल की रात की है, लेकिन इसकी शिकायत बुधवार शाम को बिजेपुर थाने में दर्ज की गई. आरोपियों के दूसरे समुदाय से होने के कारण आदिवासी समुदाय के नेताओं ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराने का फैसला लिया.
पुलिस ने बताया कि शुरुआत में आरोप था कि 14 से 17 साल आयुवर्ग की तीन लड़कियां जात्रा देखकर घर लौट रही थीं, उसी दौरान पांच पुरुषों ने उनका रास्ता रोका और उनके साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया. बाद में तीन में से एक लड़की ने बताया कि वह भागकर झाड़ियों के पीछे छुपने में कामयाब रही और उसने देखा कि कैसे आरोपियों ने बारी-बारी से दोनों लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया. बिजेपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक लिंगराज सेठी ने बताया कि आरोपियों की तलाशी जारी है.
उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता, पॉक्सो कानून और एससी/एसटी कानून की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. सेठी ने बताया कि यह इलाका माओवाद से प्रभावित है और पूरा क्षेत्र पहाड़ी और जंगलों से भरा हुआ है. पुलिस को संदेह है कि आरोपी घने जंगलों में छुपे हो सकते हैं.
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स्थानीय सूत्रों ने बताया कि तीनों लड़कियों के परिवारों ने पहले अपने समुदाय के नेता से संपर्क किया, जिसने बैठक बुलायी और आरोपियों के दूसरे समुदाय से होने के कारण मामले की शिकायत पुलिस में देना तय किया. सूत्र ने बताया कि इसी कारण पुलिस में शिकायत देने में देरी हुई. पीड़ित लड़कियों को महिला डॉक्टर उपलब्ध नहीं होने के कारण मेडिकल परीक्षण के लिए तीन अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े.
उनका मेडिकल परीक्षण अंतत: भवानीपाटणा सरकारी अस्पताल में हुआ. कालाहांडी आदिवासी संघ के अध्यक्ष प्रकाश माझी ने 24 घंटे में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर प्रदर्शन की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि संघ की एक टीम लड़कियों के गांव जाएगी और हालात का जायजा लेगी. माझी ने कहा कि आगे की कार्रवाई तय करने के लिए बैठक बुलाई जाएगी.