तीन साल पहले लातेहार की दो आदिवासी नाबालिगों को दिल्ली में बेचा, माता-पिता ने पुलिस से लगायी गुहार
झारखंड के लातेहार जिला के मनिका थाना क्षेत्र के सेमरहट गांव की दो आदिवासी नाबालिग तीन साल से दिल्ली में किसी रईस के यहां झाड़ू-पोछा कर रही है. दोनों के माता-पिता तीन साल से अपनी पुत्रियों को दिल्ली से वापस लाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन किसी ने अब तक उनकी मदद नहीं की.
लातेहार (चंद्रप्रकाश सिंह) : झारखंड के लातेहार जिला के मनिका थाना क्षेत्र के सेमरहट गांव की दो आदिवासी नाबालिग तीन साल से दिल्ली में किसी रईस के यहां झाड़ू-पोछा कर रही है. दोनों के माता-पिता तीन साल से अपनी पुत्रियों को दिल्ली से वापस लाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन किसी ने अब तक उनकी मदद नहीं की.
रविवार को मनिका पहुंचकर नाबालिग लड़कियों के माता-पिता ने थाना में आवेदन देकर अपनी पुत्रियों को वापस लाने की गुहार लगायी है. युवतियों के परिजनों ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व मनिका थाना क्षेत्र के कोरीद गांव के झाबर यादव व विजय सिंह तथा सेमरहट गांव के तेतरी देवी ने दोनों को दिल्ली भेज दिया.
परिजनों ने बताया कि दोनों बच्चियां मनिका बाजार करने आयीं थीं और दोनों को बहला-फुसला कर दिल्ली भेज दिया गया. बाद में पता चला कि तीनों ने काम दिलाने के नाम पर दिल्ली भेजा है और बताया कि कुछ दिन में वापस आ जायेंगी. परिजनों ने बताया कि तीनों से पूछने पर बताया गया कि दिल्ली में दोनों किसी बड़े आदमी के यहां किसी कोठी में झाड़ू-पोछा का काम करती है.
कई बार बच्चियों के माता-पिता ने अपनी बेटियों से बात करनी चाही, लेकिन तीनों ने बार-बार यही कहा कि वहां फोन नहीं लगता है. इसके बाद उन्हें शक हुआ कि तीनों ने उनकी पुत्रियों को दिल्ली में बेच दिया है. परिजनों ने रोते हुए बताया कि तीनों ने जब उनकी बेटियों को दिल्ली भेजा था, उस समय उनकी उम्र महज 12 वर्ष थी.
मनिका थाना के प्रभारी थाना प्रभारी रामजीत राम कच्छप ने बताया कि दोनों बच्चियों के परिजनों ने अपनी पुत्री को दिल्ली में बेचने को लेकर कोरीद गांव के झाबर यादव व विजय सिंह तथा सेमरहट गांव के तेतरी देवी के खिलाफ आवेदन दिया है. आवेदन के आधार पर मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
Posted By : Mithilesh Jha