Jharkhand News: धनबाद जिले में दो सांसद (धनबाद-गिरिडीह), छह विधायक और अधिकारियों-कर्मचारियों की बड़ी फौज. मैथन डैम में पर्याप्त पानी. जलापूर्ति के सभी संसाधन. फिर भी शहर की कोई साढ़े चार लाख की आबादी प्यासी है. हर तरफ हाहाकार मचा है. पांच दिनों से कुछ बाल्टी पानी ही घरों में नलों से आ रहा है. कई इलाकों में तो वह भी नहीं. वजह यह कि राज्य सरकार धनबाद में पानी का कोटा नहीं बढ़ा रही है. न तो जनता के नुमाइंदे और न ही जिले के अधिकारी इस मसले का समाधान निकाल पा रहे हैं, जबकि यह संकट नया नहीं है. इसके पहले भी जलापूर्ति में कटौती किये जाने के बाद त्राहिमाम मचा था.
क्या है संकट का कारण
राज्य मुख्यालय ने मैथन जलापूर्ति योजना के तहत शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए प्रतिदिन 40 MLD पानी का कोटा फिक्स किया है. ठेका कंपनी मेसर्स अभय सिन्हा उसी हिसाब से जलापूर्ति करती है. 40 एमएलडी पानी में हर उपभोक्ता को एक दिन में एक टाइम केवल चार से छह बाल्टी पानी मिलता है. इसमें खाने-पकाने से लेकर साफ-सफाई तक का कार्य संभव नहीं. इधर, प्राय: घरों से कुएं विलुप्त हो गये हैं. जलापूर्ति योजना शुरू होने के बाद धीरे-धीरे चापाकल भी बेकार होते चले गये. ऐसे में जलसंकट की समस्या खड़ी हो जाती है. इससे पूर्व जलापूर्ति करने वाली निजी एजेंसी भाटेक के लिए पानी सप्लाई की कोई सीमा निर्धारित नहीं थी. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मुख्यालय से उसका करार था कि जितने पानी की जरूरत है, उसको उतना ही सप्लाई करनी है. हर माह सप्लाई के अनुसार भाटेक कंपनी को बिल भुगतान किया जाता था. तब प्रतिदिन लगभग 65 एमएलडी जलापूर्ति होती थी. फरवरी 2021 में नयी एजेंसी अभय सिन्हा को जलापूर्ति का ठेका मिला. नयी एजेंसी ने एक माह पूर्व की तरह जलापूर्ति की. अप्रैल 2021 से पेयजल एवं स्वच्छता मुख्यालय ने उसे 40 एमएलडी पानी सप्लाई करने का निर्देश जारी कर दिया. इसके साथ ही जलसंकट शुरू हो गया.
मंत्री के आश्वासन के बाद भी दूर नहीं हुआ संकट
जलसंकट पर हाहाकार मचने के बाद विधायक राज सिन्हा ने गत अप्रैल माह में आयोजित बजट सत्र के दौरान विधानसभा में मामला उठाया था. जिस पर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जलसंकट दूर करने का आश्वासन दिया था. मंत्री के आदेश पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों ने मेसर्स अभय सिन्हा को मौखिक आदेश पर प्रतिदिन 40 एमएलडी के बदले 54 एमएलडी जलापूर्ति का निर्देश दिया. निर्देश का पालन हुआ. लेकिन दो माह में अतिरिक्त 14 एमएलडी पानी का 16.80 लाख का बिल पास नहीं हुआ तो पांच दिन पहले से एजेेंसी ने फिर से घटाकर 40 एमएलडी जलापूर्ति शुरू कर दी.
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सीएम से मिलेंगे, मंत्री के गेट पर देंगे धरना : राज सिन्हा
विधायक राज सिन्हा ने कहा है कि जलसंकट पर मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश करेंगे. साथ ही पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर से मिलकर इस पर चर्चा करेंगे. समस्या के समाधान के लिए ठोस पहल नहीं हुई, तो इस बार विभागीय मंत्री के दफ्तर के गेट पर धरना देंगे. विभाग के कुछ अधिकारी यहां के लोगों से मजाक कर रहे हैं. मॉनसून के सक्रिय होने से पहले ही जलापूर्ति में कटौती करने लगे हैं. यह जनता के साथ अन्याय है. इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.
वरीय अधिकारियों को दी गयी है जानकारी
इस संबंध में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मनीष कुमार ने कहा कि पेेयजल संकट की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी गयी है. मुख्यालय स्तर पर इस विषय पर विचार किया जा रहा है. विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि जितना पानी मिल रहा है, उसके अनुसार सभी टंकियों से आपूर्ति की जाए. कुछ दिनों में समस्या का समाधान होने की संभावना है.
विभाग बिल भुगतान करे, तो बढ़ाएंगे जलापूर्ति
वहीं, मेसर्स अभय सिन्हा के प्रॉपराइटर अभय कुमार सिन्हा ने कहा कि 2021 में धनबाद में 65 एमएलडी पानी की सप्लाई होती थी. बाद में विभाग ने इसे घटाकर 40 एमएलडी कर दिया. दो महीने बढ़ाकर सप्लाई करने पर बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा है. विभाग अतिरिक्त बिल भुगतान करने को तैयार होगा तभी सप्लाई बढ़ाई जायेगी.
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Posted By: Samir Ranjan.