Jharkhand News: झारखंड के विवि अंतर्गत अंगीभूत कॉलेज में नियुक्त प्राचार्य का कार्यकाल अब पांच वर्ष का होगा. संतोषजनक प्रदर्शन के आधार पर उन्हें अौर पांच वर्ष का विस्तार दिया जा सकेगा. यह विस्तार विवि द्वारा गठित कमेटी की अनुशंसा पर दिया जायेगा. यूजीसी रेगुलेशन-2018 के तहत यह नयी व्यवस्था की गयी है. वहीं अब प्राचार्य के पद पर कार्यरत शिक्षक पांच वर्ष या फिर 10 वर्ष की सेवा के बाद वापस अपने मूल विभाग में लौट सकेंगे.
वापस लौटने पर उन्हें प्रोफेसर का ग्रेड मिलेगा. प्राचार्य की नियुक्ति के लिए पीएचडी अनिवार्य होगा. इसके अलावा प्रोफेसर/एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कम से कम 15 वर्ष का शिक्षण/शोेध का अनुभव होना चाहिए, जबकि 10 शोध पत्र पब्लिकेशन होना चाहिए. वह भी यूजीसी जर्नल में लिस्टेट होना चाहिए, जबकि रिसर्च स्कोर 110 होना चाहिए.
बेहतर प्रदर्शन रहने पर अौर पांच वर्ष का मिल सकेगा सेवा विस्तार पांच या 10 वर्ष तक सेवा देने के बाद शिक्षक मूल विभाग में लौट सकेंगे रजिस्ट्रार, वित्त पदाधिकारी व परीक्षा नियंत्रक की सेवानिवृत्ति उम्र सीमा 60 वर्ष ही रहेगी
अन्य पदों के लिए अर्हता का निर्धारण: विवि में रजिस्ट्रार, वित्त पदाधिकारी, परीक्षा नियंत्रक, डिप्टी रजिस्ट्रार व असिस्टेंट रजिस्ट्रार की नियुक्ति के लिए अर्हता का निर्धारण कर दिया गया है. रजिस्ट्रार, वित्त पदाधिकारी व परीक्षा नियंत्रक के लिए कम से कम 55 प्रतिशत अंक के साथ मास्टर डिग्री होना चाहिए. इसके अलावा 15 वर्ष का असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अनुभव व एकेडमिक लेवल 11 होना चाहिए या फिर आठ वर्ष की सेवा के साथ एसोसिएट प्रोफेसर तथा एकेडमिक लेवल 12 होना चाहिए.
इसके अलावा इन पदों पर नियुक्ति के लिए उम्मीदवार के पास 15 वर्ष का शैक्षणिक प्रशासनिक अनुभव या आठ वर्ष तक का डिप्टी रजिस्ट्रार या समकक्ष पद पर कार्य करने का अनुभव होना चाहिए. रजिस्ट्रार, वित्त पदाधिकारी व परीक्षा नियंत्रक की सेवानिवृत्त उम्र सीमा 60 वर्ष ही रहेगी.
Posted by: Pritish Sahay