23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जेयू : छात्र की मौत के 25 दिन बाद यूजीसी की टीम पहुंची जादवपुर यूनिवर्सिटी, जेयू परिसर का दौरा

यूजीसी ने पहले ही इस संबंध में जेयू के अधिकारियों को सूचना भेज दी है और कहा है कि फील्ड विजिट के दौरान आयोग के एंटी-रैगिंग सेल के सदस्य विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और छात्रों के साथ अलग-अलग बातचीत करेंगे.

जादवपुर यूनिवर्सिटी में छात्र की मौत के 25 दिन बाद यूजीसी का एक प्रतिनिधिमंडल जादवपुर यूनिवर्सिटी आया. गौरतलब है कि गत 10 अगस्त को प्रथम वर्ष के छात्र की संदिग्ध हालात में हुई मौत को लेकर जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में अब भी तनाव की स्थिति है. विश्वविद्यालय से यूजीसी ने इस घटना पर तीन बार रिपोर्ट मांगी थी. लगातार तीन रिपोर्टों से असंतुष्ट, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आखिरकार आयोग के एंटी-रैगिंग सेल से अपनी टीम भेजने का फैसला किया है. यूजीसी की टीम जादवपुर यूनिवर्सिटी पहुंच चुकी है.

Also Read: I-N-D-I-A गठबंधन की बैठक में संयोजक और संगठन पर आज होगा फैसला, ममता बनर्जी ने कहा न करें समय बर्बाद
यूजीसी की टीम ने पहले ही जेयू के अधिकारियों को भेज दी थी सूचना

यूजीसी ने पहले ही इस संबंध में जेयू के अधिकारियों को सूचना भेज दी है और कहा है कि फील्ड विजिट के दौरान आयोग के एंटी-रैगिंग सेल के सदस्य विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और छात्रों के साथ अलग-अलग बातचीत करेंगे. जादवपुर के अंतरिम कुलपति बुद्धदेव साउ ने कहा यूजीसी के प्रतिनिधि पहले अधिकारियों से बात करेंगे. उसके बाद तय करेंगे कि कहां जाना है और क्या करना है. जेयू सूत्रों ने जानकारी दी है कि आयोग का मुख्य उद्देश्य एक गहन सर्वेक्षण करना है कि आयोग द्वारा निर्धारित एंटी-रैगिंग दिशानिर्देशों को जेयू में कितना लागू किया गया है. साथ ही अनुत्तरित प्रश्नों पर स्पष्टीकरण प्राप्त करना है. इस जानकारी से विश्वविद्यालय के अधिकारियों को सूचित किया गया है. इस संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में तीन रिपोर्ट भेजी जा चुकी है.

Also Read: बंगाल : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ विदेश दौरे के लिए सौरभ गांगुली को भी न्योता
यूजीसी की टीम करेगी जेयू परिसर का दौरा

इस बीच, जेयू के सूत्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय के विभिन्न कोनों में 26 सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए निविदा जारी करने के बावजूद, वास्तविक स्थापना पर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है, जैसा कि जेयू के अंतरिम कुलपति बुद्धदेव साउ द्वारा बुलायी गयी सभी हितधारकों की आखिरी बैठक में हुआ था. साउ के अनुसार, छात्र प्रतिनिधियों ने विश्वविद्यालय अधिकारियों से उन सटीक बिंदुओं पर लिखित घोषणा मांगी है, जहां सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे. जेयू के एक फैकल्टी सदस्य ने कहा यह एक प्रमुख बिंदु होगा जहां विश्वविद्यालय के अधिकारियों को यूजीसी की फील्ड-निरीक्षण टीम को बहुत सारे स्पष्टीकरण देने होंगे, क्योंकि सीसीटीवी कैमरे की स्थापना आयोग द्वारा निर्धारित एंटी-रैगिंग दिशानिर्देशों की प्रमुख शर्तों में से एक है. उन्होंने स्वीकार किया कि आयोग की टीम एक महत्वपूर्ण समय पर आ रही है, जब जेयू रजिस्ट्रार स्नेहामंजू बसु को धमकी भरा पत्र मिलने के ठीक एक दिन बाद उनके इस्तीफे को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है.

Also Read: जादवपुर यूनिवर्सिटी में सीसीटीवी लगाने के लिए शिक्षा विभाग ने 38 लाख की दी मंजूरी, जल्द शुरु होगा काम
बंगाल में कुलपति की मंजूरी के बिना सरकार से आदेश नहीं लेंगे विश्वविद्यालय के अधिकारी : राजभवन

राज्य के विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलरों की नियुक्ति को लेकर चांसलर या राज्यपाल व राज्य सरकार के बीच लंबे समय से तकरार चल रही है. ऐसे में राजभवन से फिर एक विज्ञप्ति जारी की गयी है. कुलपतियों को उनके संबंधित विश्वविद्यालयों के प्रधान कार्यकारी अधिकारी बताते हुए यहां राजभवन ने कहा कि इन संस्थानों के अन्य अधिकारी उनकी (कुलपतियों की) मंजूरी के बिना सरकार से सीधे आदेश नहीं लेंगे, या उन्हें लागू नहीं करेंगे. बंगाल में राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति किये जाने को लेकर राजभवन और तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच तकरार जारी रहने के बीच यह निर्देश जारी किया गया है. राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी एक परिपत्र में कहा गया है, ‘‘पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय अधिनियमों के अनुसार, कुलपति विश्वविद्यालय का प्रधान कार्यकारी अधिकारी होगा और विश्वविद्यालयों के अन्य सभी प्राधिकारी संबंधित कुलपतियों के निर्देशों के अनुसार कार्य करेंगे.

क्या कहा गया है परिपत्र में

परिपत्र में कहा गया है कि कुलपतियों ने विभिन्न अवसरों पर बैठकों के दौरान कुलाधिपति (राज्यपाल) के कार्यालय से कुछ मामलों पर स्पष्टीकरण मांगा था. इसमें कहा गया है कि विशेषज्ञों की कानूनी राय के आधार पर विश्वविद्यालयों के भावी मार्गदर्शन को लेकर स्पष्टीकरण जारी किये जा रहे हैं. इसमें कहा गया है, विश्वविद्यालय के अधिकारियों को कुलपतियों द्वारा जारी आदेशों को लागू करना है और उन्हें कुलपति की जानकारी एवं मंजूरी के बिना सरकार से सीधे आदेश लेने या या उन पर अमल करने का अधिकार नहीं है. इसमें स्पष्ट किया गया है कि कुलसचिव और अन्य अधिकारियों के पास कुलपति को दरकिनार कर कार्य करने का कोई स्वतंत्र अधिकार नहीं है. इसमें यह भी कहा गया है कि कुलपति के प्रमुख कार्यकारी और एकेडमिक प्रमुख होने के नाते अन्य सभी अधिकारियों को विश्वविद्यालय अधिनियम, कानूनों, अध्यादेशों और विनियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उनके (कुलपति) कार्यों के निर्वहन में उनकी सहायता करनी है.

Also Read: West Bengal Breaking News : जादवपुर विवाद के बीच गुरदास कॉलेज में रैगिंग की एक और शिकायत

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें