UP News: यूक्रेन में फंसे गोरखपुर के 40 स्टूडेंट्स पहुंचे घर, बोले- ऐसा लगता है जैसे जन्नत में पहुंच गए

UP News: यूक्रेन में फंसे गोरखपुर के छात्र-छात्राओं ने घर पहुंचने के बाद बताया कि यूक्रेन में जो स्थिति इस वक्त है, वह बयां कर पाना मुश्किल है. जिस तरह से वहां मुश्किलें हुई, अपने घर आने के बाद ऐसा लगता है जैसे हम लोग जन्नत में आ गए हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | March 5, 2022 11:16 PM

Gorakhpur News: यूक्रेन में फंसे 71 स्टूडेंट्स गोरखपुर जिले के हैं, जिसमें से 40 स्टूडेंट्स वापस अपने घर आ गए हैं. घर पहुंचने के बाद स्टूडेंट्स ने कहा कि हम सही सलामत घर वापस आ गए. अब शायद वहां पर वापस ना जाएं. उन्होंने कहा कि जो फैसिलिटी हमें वहां मिलती है, वह फैसिलिटी यहां पर नहीं मिल पाती, जिसकी वजह से बाहर जाना पड़ा. हमें वापस लाने में सरकार का बहुत बड़ा योगदान था. सरकार की वजह से हम लोग सही सलामत वापस पहुंचे. सरकार को हम लोग धन्यवाद देना चाहते हैं और इसके लिए जितना धन्यवाद दिया जाय कम है.

‘यूक्रेन की स्थिति को बयां कर पाना मुश्किल’

छात्र-छात्राओं ने बताया कि यूक्रेन में जो स्थिति इस वक्त है, वह बयां कर पाना मुश्किल है. जिस तरह से वहां मुश्किलें हुई, अपने घर आने के बाद ऐसा लगता है जैसे हम लोग जन्नत में आ गए हैं. शायद अब वापस हम लोग वहां ना जा पाएं. वहीं, लोगों का कहना है कि वापसी में जो हमने भारत का झंडा लगाया था, उसका ज्यादा फायदा मिला.

Also Read: Ukraine Russia Crisis: यूक्रेन में फंसे मेडिकल स्टूडेंट अनुराग के परिजन चिंतित, वतन वापसी की लगाई गुहार
यूपी सरकार ने जारी की यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट्स की लिस्ट

रूस और यूक्रेन के बीच तनाव का असर पूरी दुनिया समेत भारत पर भी पड़ रहा है, क्योंकि यहां के हजारों छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करते हैं. रूस के हमले के बाद यूक्रेन में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्रों की सुरक्षित वतन वापसी के लिए यूपी सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. सरकार ने यूपी के उन सभी छात्रों की लिस्ट जारी की है, जो यूक्रेन में या तो फंसे हैं या सुरक्षित घर लौट आए हैं.

Also Read: Ukraine Russia War: यूक्रेन से गोरखपुर लौटे असद अहमद, खुशी में परिजनों के छलके आंसू
राज्य कंट्रोल रूम को भेजी गई लिस्ट

राज्य कंट्रोल रूम में तैयार फंसे छात्रों की सूची जिलों को भी भेज दी गई है. इतना ही नहीं, अधिकारियों को प्रभावित परिवारों के साथ निरंतर समन्वय कायम रखने के निर्देश दिए गए हैं. यूपी सरकार को सभी जनपदों से जो डेटा मिले हैं, उसे भारत सरकार को भी भेज दिया गया है, ताकि यूक्रेन में फंसे यूपी वालों को लाने में जल्द कार्रवाई हो सके.

यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट्स का तैयार किया जा रहा डाटा

सह आपदा प्रबंधक गौतम गुप्ता का कहना है कि गोरखपुर जिले के 71 लोग यूक्रेन में फंसे थे, जिसमें से 40 लोग वापस आ गए. उन्हें सही सलामत सुरक्षित उनके घर तक भेजा रहा है. बाकी लोगों पर भी हम लोगों की नजर बनी हुई है. कितने लोग फंसे हुए हैं और कहां-कहां पर हैं, उन सबका डाटा तैयार किया जा रहा है. उन्हें यूक्रेन से लाने की तैयारी की जा रही है. रविवार को सुबह 7:00 बजे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी होगी, जिसमें गोरखपुर जिले के चार बच्चे भी शामिल होंगे.

‘यूक्रेन जैसी फैसिलिटी भारत में नहीं है’

शिवानी गुप्ता के पिता डॉक्टर केबी गुप्ता ने बताया कि वहां पर जो फैसिलिटी है, वह भारत में नहीं है और यहां पर ज्यादा महंगा भी पड़ता है. वहां पर 20 से 25 लाख में हो जाता है जबकि यहां पर करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं, जिसकी वजह से हम लोगों को बाहर भेजना पड़ता है. सरकार से मांग करते हैं कि ऐसी फैसिलिटी भारत के अंदर भी हो और जिस तरह से भू माफियाओं पर सरकार का बुलडोजर चला, उसी तरह शिक्षा माफियाओं पर भी सरकार का बुलडोजर चले.

Also Read: Ukraine Russia War: यूक्रेन से लौटी हुस्नआरा बोलीं- सरकार को सलाम, दहशत के पलों को भूलना मुश्किल
‘इंडियन सिविलियंस होने का हमें बहुत ज्यादा फायदा हुआ’

अभीष्ट पांडे ने बताया कि हम लोग अभी काफी रिलैक्स महसूस कर रहे हैं. बॉर्डर आने में कोई प्रॉब्लम नहीं हुई. बॉर्डर से हमें 16 किलोमीटर पहले छोड़ दिया गया. 16 किलोमीटर तक हम लोगों को साजो सामान के साथ चलना पड़ा. बॉर्डर पहुंचने के बाद में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. बॉर्डर पर भारत सरकार और एमबीसी का कंट्रोल नहीं रहता है और वहां पर बॉर्डर क्रॉस करने के बाद कुछ प्रक्रिया होती है, लेकिन यहां पर इतना पैनिक हो चुका था कि सब लोग एक साथ जाना चाह रहे थे, उसी को कंट्रोल करने में वहां के गार्ड को थोड़ा ज्यादा सख्त होना पड़ा था. इंडियन सिविलियंस होने का हमें बहुत ज्यादा फायदा हुआ. जो इंडियन फ्लैग है, उसे लगाने के बाद हम लोग कहीं नहीं रुके.

‘एक पल के लिए ऐसा लगा कि क्या हम लोग घर पहुंच पाएंगे’

शिवांजलि गुप्ता ने बताया कि जब 23 तारीख को अटैक हुआ तो हम लोग बहुत ज्यादा डर गए. एक पल के लिए ऐसा लगा कि क्या हम लोग घर पहुंच पाएंगे कि नहीं. बहुत ज्यादा डर गए थे. उस समय हम लोग पानी का बोतल मेडिसिन व जरूरत की सारी चीजें लेकर यूनिवर्सिटी के बंकर में छुपे थे. 26 फरवरी को हमने एक प्राइवेट बस बुक की….

Also Read: Ukraine Russia War: यूक्रेन से बरेली लौटे मोहम्मद आशिफ, खुशी में परिजनों के छलके आंसू
‘ऐसा लगता है जैसे जन्नत में आ गए’

पूजा कुमारी ने बताया कि वहां से आने के बाद लग रहा है कि जन्नत में आ गए. सबको अपना घर अच्छा लगता है. घर आने के बाद अलग ही फील हो रहा है कि सेफ जोन में आ गए. हमें बॉर्डर तक 12 किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़े. वहां से आने के लिए हमने खुद बस बुक की थी. वहां से हम रोमानिया बॉर्डर तक गए थे. वहां आने के बाद बहुत सारी बसें लगी थी, इसलिए वहां से हमें अपना सारा लगेज लेकर 12 किलोमीटर तक पैदल सफर करना पड़ा. वहां पर स्थिति बहुत खराब थी. धक्का-मुक्की हो रही थी एक दूसरे को लोग मार रहे थे. बहुत सारे मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

रिपोर्ट- कुमार प्रदीप, गोरखपुर

Next Article

Exit mobile version