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Ukraine-Russia War: भारत लौटे बिहार के एमबीबीएस छात्रों का भविष्य अधर में, आज डीएम को सौंपेंगे ज्ञापन

Ukraine-Russia War: यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच भारत वापस आये बिहार के करीब 1200 एमबीबीएस छात्रों का भविष्य अधर में है. आज पूर्णिया के छात्र जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2022 11:15 AM

Ukraine-Russia War: यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच भारत वापस आये बिहार के करीब 1200 एमबीबीएस छात्रों का भविष्य अधर में है. वापस लौटने के करीब दो माह बाद भी ठोस समाधान ना निकलने की वजह से अब वे निराश होकर पूरे देश में सिग्नेचर कैंपेन में जुट गये हैं. ‘मिशन एडमिशन ओनली इन इंडिया’ के नारे के साथ चलाये जा रहे इस कैंपेन में पूर्णिया समेत बिहार के छात्र भी शामिल हैं. ‘पेरेंट्स एसोसिएशन ऑफ यूक्रेन एमबीबीएस स्टूडेंट्स’ के बैनर तले चलाये जा रहे इस अभियान में अभी तक पांच हजार से अधिक लोग जुट गये हैं.

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राष्ट्रपति और पीएम समेत अन्य गणमान्य लोगों को सौंपा जायेगा मांग-पत्र

पैरेंट्स एसोसिएशन ऑफ यूक्रेन एमबीबीएस स्टूडेंट्स (पीएयूएमएस) के महासचिव पंकज धीरज ने बताया कि इस अभियान के तहत जिला और कस्बा स्तर पर करीब 10 हजार की संख्या में एमबीबीएस स्टूडेंट्स देश में ही आगामी शिक्षा पूर्ण कराये जाने की मांग करेंगे. उन्होंने बताया कि आज 14 मई को यहां जिलाधिकारी को भी मांग-पत्र सौंपेंगे. इस मुहिम के तहत राष्ट्रपति और पीएम समेत अन्य गणमान्य लोगों को मांग-पत्र सौंपा जायेगा.

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यूक्रेने से बिहार आये मेडिकल के करीब 1200 छात्र

पीएयूएमएस के प्रधान आरबी गुप्ता ने बताया कि यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान 22 हजार 800 छात्रों को वापस लाया गया. इनमें 18 हजार छात्र मेडिकल से जुड़े हुए हैं. इनमें बिहार के करीब 1200 छात्र शामिल हैं. चार हजार छात्र ऐसे जो फाइनल ईयर में हैं. करीब 12 हजार एमबीबीएस छात्रों का भविष्य अधर में है. अगर सरकार की तरफ यदि कोई ठोस पहल नहीं की गयी, तो इन बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा.

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सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए चलाया जा रहा सिग्नेचर कैंपेन

उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो इन बच्चों का यहां दाखिला हो सकता है. उन्होंने बताया कि पूरे देश में 598 मेडिकल कॉलेज हैं. इन कॉलेजों में करीब 12 हजार बच्चों का दाखिला होना है. उन्होंने यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच इन छात्रों की सकुशल वापसी के लिए पीएम मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि अब इन छात्रों की जिंदगी संवारने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है. सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए पूरे देश में सिग्नेचर कैंपेन चलाया जा रहा है.

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