DA की मांग पर सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर, सरकार ने दिया अल्टीमेटम- काम पर नहीं आये तो होगी कार्रवाई
WB News: हड़ताल का मुकाबला करने के लिए सभी प्रकार के उपाय किए जाने चाहिए. बैठक में कोलकाता पुलिस के पुलिस आयुक्त और पुलिस के उच्च स्तरीय अधिकारी शामिल हुए. राज्य सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक उस बैठक में स्वयं मुख्य सचिव ने पुलिस को हर तरह के कदम उठाने का आदेश दिया है.
WB News: बकाया महंगाई भत्ता (डीए) की मांग पर राज्य के सरकारी कर्मचारियों ने शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया है. सरकारी कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा. सरकारी कर्मचारी हड़ताल के फैसले पर अडिग हैं. वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार, कर्मचारियों के हड़ताल को विफल करने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी हुई है. इसे लेकर गुरुवार को राज्य के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी ने उच्च स्तरीय बैठक की.
मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी ने राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को जिलों के सरकारी कार्यालयों को बंद को लेकर सावधानी बरतने को कहा है. मुख्य सचिव ने कहा है कि सरकारी कार्यालयों में कामकाज सामान्य रखना होगा, वहां हड़ताल का प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए.बैठक के प्रारंभ में मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को चेतावनी दी कि वे शुक्रवार के बंद को लेकर सावधान रहें.
कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो इसका ध्यान रखा जाए. हड़ताल का मुकाबला करने के लिए सभी प्रकार के उपाय किए जाने चाहिए. बैठक में कोलकाता पुलिस के पुलिस आयुक्त और पुलिस के उच्च स्तरीय अधिकारी शामिल हुए. राज्य सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक उस बैठक में स्वयं मुख्य सचिव ने पुलिस को हर तरह के कदम उठाने का आदेश दिया है.
हालांकि, जब यह बैठक चल रही थी, उस समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी राज्य सचिवालय नबान्न भवन में मौजूद थीं. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को संग्रामी संयुक्त मंच द्वारा डीए के मुद्दे पर बंद का आह्वान किया गया है. वामपंथियों के साथ-साथ भाजपा ने भी हड़ताल का नैतिक समर्थन किया है. बताया जाता है कि हड़ताल का असर सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और कॉलेजों पर पड़ सकता है.
इसी आशंका को ध्यान में रखते हुए नवान्न की ओर से तत्काल आधार पर यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है. इसके अलावा शुक्रवार से माध्यमिक उत्तर पुस्तिकाओं के वितरण की प्रक्रिया शुरू हो रही है. मध्य शिक्षा बोर्ड ने उत्तर पुस्तिकाओं के वितरण की प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी या अनुपस्थिति न हो, इसके लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
वहीं, इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस समर्थित राज्य कर्मचारी फेडरेशन के मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि बंगाल में हड़ताल की संस्कृति समाप्त हो चुकी है. लेकिन फिर से हड़ताल का आह्वान कर यहां की कार्य संस्कृति को नष्ट किया जा रहा है. श्री चक्रवर्ती ने कहा कि इस समस्या का समाधान हड़ताल से नहीं, बल्कि बातचीत से निकालना होगा.
उन्होंने कहा कि 34 वर्ष के वाम मोर्चा शासन के दौरान भी सैकड़ों बार हड़ताल हुए, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि हमें इस हड़ताल की संस्कृति को त्यागना होगा. वहीं, श्री चक्रवर्ती ने दावा करते हुए कहा कि इस हड़ताल का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. शुक्रवार को कार्यालयों में स्वाभाविक से भी अधिक कर्मचारी उपस्थित रहेंगे.
सरकारी कर्मचारियों को राज्य सरकार का अल्टीमेटम
इधर, राज्य सरकार ने हड़ताल पर जाने की घोषणा करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है. राज्य सरकार ने सभी कर्मचारियों को 10 मार्च को अपने कार्यालयों में उपस्थित रहने के लिए कहा. कहा कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जायेगा. राज्य सचिवालय से जारी अधिसूचना में प्रमुख सचिव मनोज पंत ने कहा कि कोई भी कर्मचारी बिना अनुमति के इन दो दिनों या किसी अन्य दिन अनुपस्थित रहने पर स्पष्टीकरण मांगा जायेगा.
कहा गया कि 10 मार्च को किसी भी कर्मचारी को कोई आकस्मिक छुट्टी या कोई अन्य छुट्टी नहीं दी जायेगी. साथ ही यह भी चेतावनी दी गयी है कि शुक्रवार को बिना वैध कारण के ड्यूटी पर नहीं आने से उनके सर्विस से एक दिन काट लिया जाएगा. एक दिन का वेतन भी नहीं दिया जाएगा. अधिसूचना में कहा गया है कि कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. इस आदेश के संबंध में सभी कार्रवाई 24 मार्च तक पूरी की जानी चाहिए.