बरेलीः अशरफ को मौत का खौफ, बोला- एक अधिकारी ने दी हत्या की धमकी, यूपी सरकार को बदनाम करने की बताई साजिश
बरेलीः प्रयागराज कोर्ट से बरी होकर अशरफ मंगलवार आधी रात के बाद सघन सुरक्षा के बीच जेल पहुंचा था. उसने कहा कि मुझपर लगे आरोप फर्जी हैं, यह मुझे, मेरे परिवार को और उत्तर प्रदेश सरकार को बदनाम करने की साजिश है.
बरेली : माफिया अतीक अहमद का छोटा भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ मंगलवार रात 1.30 बजे बरेली जेल में एक बार फिर दाखिल हो गया है. उसने जेल में घुसने से पहले मीडिया को बताया कि प्रयागराज में एक अधिकारी ने दो सप्ताह में हत्या की धमकी दी है. अशरफ ने बताया कि, अधिकारी ने कहा कि अभी बच गए हो, जेल से दो सप्ताह बाद निकालकर हत्या कर दी जाएगी. अशरफ ने कहा कि मेरा रोजा है. पानी पीकर रोजा खोला, लेकिन एक बिस्किट तक खाने को नहीं दिया है.
प्रयागराज कोर्ट से बरी होकर अशरफ मंगलवार आधी रात के बाद सघन सुरक्षा के बीच जेल पहुंचा था. उसने कहा कि मुझपर लगे आरोप फर्जी हैं, यह मुझे, मेरे परिवार को और उत्तर प्रदेश सरकार को बदनाम करने की साजिश है. न्यायपालिका पर पूरा भरोसा बताया. उसने बाकी केस में भी जल्द बरी होने की बात कही.
उमेश पाल अपहरण केस में बरी
पुलिस अशरफ को सोमवार सुबह 9.00 बजे बरेली जेल से प्रयागराज ले गई थी. वहां भाई अतीक अहमद के साथ उसे कोर्ट में पेश किया गया. उमेश पाल अपहरण कांड में अतीक को उम्रकैद की सजा हुई. वहीं अशरफ को बरी कर दिया गया. इसके बाद पुलिस टीम अशरफ को वज्र वाहन से लेकर बरेली आ गई. हालांकि संबंधित थानों की पुलिस इस काफिले को फॉलो कर रही थी. इसके बाद अशरफ के आने पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला व जेल स्टाफ ने बिथरी पुलिस की मदद से उसे उसकी बैरक में पहुंचाया.
अशरफ पर 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज
अशरफ की 24 मुकदमों में सुनवाई चल रही है. हालांकि वह एक केस से बरी हो गया है. अशरफ के खिलाफ अब तक 50 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. किसी मामले में उसे सजा नहीं हुई है.
बंद लिफाफा सीएम के पास जाएगा
अशरफ ने मीडिया से बात कर कहा कि एक अधिकारी ने उसे धमकी दी है कि अभी बच गए हो, जेल से दो सप्ताह बाद निकालकर उसकी हत्या कर दी जाएगी. अशरफ ने कहा कि ऐसा हुआ तो उस अधिकारी का नाम लिखा मेरा बंद लिफाफा सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश और मुख्यमंत्री के सामने खुलेगा.
LIU के सामने होती है मुलाकात
अशरफ ने बताया कि जेल में जब कोई मिलने आता है तो एलआईयू के लोग सामने बैठते हैं, और सीसीटीवी कैमरे लगे रहते हैं.ऐसे में कौन क्या योजना बना सकता है.उसने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश है कि किसी भी केस की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कराई जा सकती है फिर भी मुझे और मेरे भाई को जेल से निकाला गया.बोला, यह भी आदेश है कि जेल से बाहर निकालते वक्त मेरा वकील मेरे साथ हो, लेकिन यहां देख लीजिए कोई वकील नहीं है.
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साले का किया बचाव
अशरफ ने कहा कि मैं विधायक रहा हूं, सद्दाम साला है, वो मेरा साला है, तमाम लोग मुझसे जुड़े हैं, पर मिलना कोई अपराध तो नहीं है. उमेश पाल का अपहरण हुआ और जब हत्या हुई. दोनों समय वह जेल में था, तो उसने कहां से अपराध कर दिया. वह बरी होकर सामने खड़ा है.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद बरेली