Prayagraj: प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल हत्याकांड में एसटीएफ अतीक अहमद गिरोह से जुड़े लोगों पर तेजी से शिकंजा कसने में जुट गई है. इस बीच प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में फरार इनामी शूटर गुड्डू मुस्लिम के पश्चिमी यूपी में छिपे होने की संभावना जताई गई है. ताजा जानकारी में गुड्डू मुस्लिम के संदीप चौधरी नाम से पश्चिमी यूपी में जाने की आशंका जताई गई है. इसके बाद जांच पड़ताल में जुटी पुलिस ने पश्चिमी यूपी के जनपदों में गुड्डू मुस्लिम की फोटो भेजी है, जिससे वहां की पुलिस को उसकी तलाश में मदद मिल सके. इसके साथ ही गुड्डू मुस्लिम की गिरफ्तारी को लेकर मामले में लगाई गई टीमों ने पश्चिमी यूपी में डेरा डाल दिया है.
इसके साथ ही उमेश पाल हत्याकांड के बाद फरार शाइस्ता परवीन पर 25,000 का इनाम घोषित होने के बाद इसकी राशि बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. बेटे असद पर ढाई लाख का इनाम घोषित है. कहा जा रहा है कि शाइस्ता के दिल्ली में होने की जानकारी मिलने पर वहां भी तलाश की जा रही है.
इसके साथ ही जांच पड़ताल के दौरान असद के व्हाट्सएप ग्रुप ‘शेर-ए-अतीक’ का खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि इसके बाद एसटीएफ ने इससे जुड़े दो लोगों को हिरासत में लिया है. उमेश पाल हत्याकांड के कुछ दिन पहले यह ग्रुप डिलीट कर दिया गया था. इसके बाद एसटीएफ का शक इससे जुड़े लोगों पर और गहरा गया है.
जांच पड़ताल में सामने आया है कि असद इस ग्रुप का एडमिन था और इसमें प्रयागराज सहित 14 जनपदों के 56 लोग जुड़े थे. ये लोग आपस में कई अहम जानकारियों को साझा करते थे. जिन लोगों को एसटीएफ ने उठाया, उनका कनेक्शन भी उमेश पाल हत्याकांड से जुड़ा हो सकता है. मुमकिन है कि उन्हें भी इस हत्याकांड की योजना को लेकर पूरी जानकारी हो. हालांकि अभी तक एसटीएफ या पुलिस की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
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कहा जा रहा है कि ‘शेर-ए-अतीक’ ग्रुप के मेंबर व्हाट्सएप कॉल के जरिए भी आपस में जुड़े रहते थे. इसमें प्रयागराज का अबू जैद भी शामिल था. वारदात में शामिल शूटर साबिर के भाई जाकिर को अबू जैद और राला गांव के रहने वाले एक अन्य शख्स कादिर ने शरण दी थी. अबू जैद और कादिर दोनों को हिरासत में ले लिया गया है. वहीं एसटीएफ की इस कार्रवाई के बारे में स्थानीय पुलिस को जानकारी नहीं है.
इस बीच खुलासा हुआ है कि अतीक के बेटे असद अहमद ने शूटर्स के साथ बरेली जेल में बंद चाचा अशरफ से मिलकर योजना को अंतिम रूप दिया था. अशरफ ने उसे घटना के दौरान कार में ही बैठे रहने का निर्देश दिया था. लेकिन उमेश पाल को बचकर भागते देखकर असद ने कार ने निकलकर फायरिंग कर दी. इस वजह से सीसीटीवी फुटेज में वह बेनकाब हो गया और उसकी मुश्किलें बढ़ गईं.
कहा जा रहा है कि 10 फरवरी को भी प्रयागराज से शूटर और अतीक के कुछ गुर्गे बरेली आए थे. यहां उन्होंने प्रयागराज निवासी आकिब की आईडी का इस्तेमाल किया. जिस आईडी पर अजहर बरेली जेल में अशरफ से मिला था, वह जांच में फर्जी निकली है. इसके बाद पुलिस इस मामले में भी आरोपियों पर मुकदमे में धारा का इजाफा कर सकती है.