उत्तर प्रदेश में अब महिलाएं और बेटियां रात में निडर होकर सफर कर सकेंगी. अक्सर कामकाजी महिलाएं व उनके अभिभावक रात में कार्यालय से घर जाने के दौरान सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते थे. योगी सरकार की ओर से सेफ सिटी परियोजना के तहत प्रदेश के 17 नगर निगम और गौतमबुद्धनगर में महिलाओं, बेटियों और बुजुर्गों को सुरक्षित यात्रा कराने के लिए परिवहन विभाग की सिटी बसों, ओला-ऊबर में सीसीटीवी कैमरे के साथ पैनिक बटन लगाए जा रहे हैं. वहीं परिवहन विभाग की ओर से सीसीटीवी कैमरों और पैनिक बटन को यूपी-112 से इंटीग्रेट किया जा रहा है. इससे यात्रा के दौरान कोई अनहोनी होने पर यात्री पैनिक बटन दबाकर यूपी-112 से मदद मांग सकता है. वहीं सिगनल मिलने पर यूपी-112 की टीम एक्टिव हो जाएगी और तत्काल मदद पहुंचाएगी. पैनिक बटन लगने से महिलाएं निडर होकर रात में भी सफर कर सकेंगी.
सीएम योगी के आदेश पर परिवहन विभाग की ओर से सिटी बसों के सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन को लगाने के साथ यूपी-112 से इंटीग्रेट करने के लिए क्रिसिल कंपनी द्वारा टेस्टिंग का काम किया जा रहा है. जल्द ही सीसीटीवी कैमरों और पैनिक बटन को यूपी-112 से इंटीग्रेट कर दिया जाएगा. वहीं परिवहन विभाग और ऊबर की ओर से इंटीग्रेशन के टेस्टिंग का काम पूरा कर लिया गया है. परिवहन विभाग और ऊबर की ओर से सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन लगाने को लेकर एक एमओयू तैयार किया जा रहा है.
Also Read: वाराणसी एयरपोर्ट पर दिखेगी काशी के सांस्कृतिक का झलक, नए लुक की तस्वीरें हुई जारी
इसके साथ ही सीसीटीवी और पैनिक बटन के लिए 9.912 लाख की धनराशि का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया गया है. शासन से हरी झंडी मिलते ही ऊबर में सीसीटीवी और पैनिक बटन लगाने के साथ इंटीग्रेशन की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. दूसरी तरफ ओला के साथ इंटीग्रेशन को लेकर एक कंपनी से दोबारा संशोधित फेसियल रिकॉग्नाइजेशन साफ्टवेयर (एफआरएस) एवं टेक्नो कामर्शियल उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं. इतना ही नहीं सेफ सिटी परियोजना के तहत यूपी-112 की ओर से प्रदेश में बेटियों से छेड़छाड़ एवं संवेदनशील 1861 हॉट स्पॉट को चिन्हित किया गया है. इनमें से 656 अति संवेदनशील स्थानों की पीआरवी द्वारा लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है.
सेफ सिटी परियोजना के तहत बुजुर्गों की मदद के लिए यूपी-112 की ओर से 17 नगर निगम और गौतमबुद्धनगर में विशेष अभियान (सवेरा स्कीम) चलाया गया. अभियान के माध्यम से 1,52,139 अकेले रह रहे बुजुर्गों और बुजुर्ग दंपत्ति को चिन्हित करते हुए सत्यापन किया गया. इनमें सबसे अधिक गाजियाबाद में 1,24,972 बुजुर्गों को चिन्हित करते हुए सत्यापित किया गया. वहीं दूसरे नंबर पर 5245 बुजुर्ग कानुपर, तीसरे नंबर पर 3864 बुजुर्ग आगरा के चिन्हित किये गये. अभियान के दौरान बीट आरक्षियों ने करीब 1,48,933 बुजुर्गों से मुलाकात की और उनकी समस्या का समाधान भी किया. सबसे अधिक गाजियाबाद के 1,23,862 बुजुर्गों से मुलाकात कर उनकी मदद की गयी. इसी तरह मुरादाबाद के 2340, मथुरा के 2544 और कानपुर के 2362 बुजुर्गों से मुलाकात कर उनकी समस्या का समाधान किया गया.