Kanpur Metro: नवीन मार्केट में अंडरग्राउंउ मेट्रो स्टेशन की छत बनना शुरू, रूफ स्लैब की ढलाई शुरू

मेट्रो सेक्शन के नवीन मार्केट भूमिगत मेट्रो स्टेशन की छत (रूफ़ स्लैब) की ढलाई का काम बुधवार से शुरू हो गया है. बुधवार की शाम को उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. UPMRC के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विधिवत पूजा के बाद नवीन मार्केट मेट्रो स्टेशन पर रूफ़ स्लैब कास्टिंग के काम का शुभारंभ किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 7, 2022 5:51 PM
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Kanpur News: कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-I (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत चुन्नीगंज से नयागंज के बीच भूमिगत सेक्शन-I का निर्माण हो रहा है. उक्त सेक्शन के नवीन मार्केट भूमिगत मेट्रो स्टेशन की छत (रूफ़ स्लैब) की ढलाई का काम बुधवार से शुरू हो गया है. बुधवार की शाम को उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा विधिवत पूजा के बाद नवीन मार्केट मेट्रो स्टेशन पर रूफ़ स्लैब कास्टिंग के काम का शुभारंभ किया गया.

इस माह के अंत तक पूर्ण हो जाएगा

आपको बता दें कि 11 अक्टूबर, 2021 को नवीन मार्केट मेट्रो स्टेशन से ही भूमिगत मेट्रो स्टेशन के निर्माण कार्यों का शुभारंभ हुआ था. निर्माण कार्यों की शुरुआत के बाद इतने कम समय में स्टेशनों की रूफ़ स्लैब की कास्टिंग का काम शुरू करना, यूपीएमआरसी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है जल्द ही, बड़ा चौराहा स्टेशन की भी स्लैब कास्टिंग का काम शुरू किया जाएगा. इन दोनों ही स्टेशनों पर डी-वॉल निर्माण का काम भी अंतिम चरण में है, जो संभवत: इस माह के अंत तक पूरा हो जाएगा.

कॉरिडोर को समय से पूरा करने की कोशिश

इस अवसर पर सिविल इंजीनियरों की टीम को बधाई देते हुए, यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा, ‘हमने आईआईटी से मोतीझील के बीच 9 किमी लंबे प्राथमिक सेक्शन का निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा से पूर्व पूरा कर, एक कीर्तिमान स्थापित किया था और अब हमारा लक्ष्य है कि आईआईटी से नौबस्ता तक लगभग 23 किमी. लंबे पूरे कॉरिडोर को भी समय से पूरा किया जाए.’

टॉप-डाउन प्रणाली से तैयार होंगे स्टेशन

कानपुर मेट्रो के भूमिगत सेक्शन-I के स्टेशन टॉप-डाउन प्रणाली से तैयार होंगे यानी निर्माण कार्य ऊपर से नीचे की ओर होंगे. रूफ़ स्लैब तैयार होने के बाद, कॉनकोर्स लेवल और फिर प्लैटफ़ॉर्म लेवल का निर्माण होगा. निर्माणाधीन स्टेशन पर चल रहे काम से ट्रैफ़िक कम से कम प्रभावित हो, इसलिए यह प्रणाली अपनाई जा रही है क्योंकि रोड लेवल से शुरू करते हुए पहले तल का निर्माण होने के बाद, सड़क पर लगी बैरिकेडिंग को कम कर दिया जाएगा. सड़क के नीचे स्टेशन का निर्माण कार्य चलता रहेगा और सड़क पर वाहनों की आवाजाही भी सुचारू रूप से जारी रहेगी.

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