नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश बजट ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए जो प्रावधान किया है, उससे उसे ‘बूस्टर डोज’ मिलने की बात कही जा रही है. कहा यह भी जा रहा है कि बजट के प्रावधान ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए मददगार साबित होंगे और आने वाले दिनों में गाड़ियों की मांग में बढ़ोतरी होने के आसार हैं. इन प्रावधानों की मदद से अगले वित्त वर्ष में करीब 40.5 लाख से 41.5 लाख यात्री वाहनों की बिक्री का ऑटो इंडस्ट्री का अनुमान सही साबित हो सकेगा.
मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री की वृद्धि पूरी अर्थव्यवस्था के साथ बहुत ही करीब से जुड़ी हुई है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के वृद्धि को बढ़ावा देने वाले बजट में ऑटोमोबाइल सेक्टर की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा गया है. उन्होंने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि 2023-24 में यात्री वाहनों की बिक्री 4.5 फीसदी से 7.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी. यह करीब-करीब 40.5 लाख से 41.5 लाख इकाई होगा. चालू वित्त वर्ष में उद्योग की कुल बिक्री लगभग 38.5 लाख इकाई होनी चाहिए.
बजट को ऑटो इंडस्ट्री के नजरिये से देखते हुए शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि इसमें उद्योग की ज्यादातर आवश्यकताओं का खयाल रखा गया है. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए आवंटन में 33 फीसदी की बढ़ोतरी, कर दरों में बदलाव और राज्यों को ब्याज मुक्त कर्ज जैसे प्रस्तावों से वाहनों के लिए मांग बनेगी. उन्होंने कहा कि जहां तक पूंजीगत व्यय की बात है तो इससे न केवल लघु अवधि की बल्कि दीर्घकालिक मांग भी बढ़ती है. आपूर्ति पक्ष में यह क्षमता को बढ़ाएगा जो वृद्धि के लिए बहुत आवश्यक है और रोजगार का सृजन भी करेगा.
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शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि नई कर व्यवस्था में करदाताओं के हाथ में खर्च करने योग्य आमदनी रहेगी. वित्त मंत्री ने सालाना 7 लाख रुपये तक की आमदनी को टैक्स फ्री कर दिया है. इसके अलावा टैक्स स्लैब में तीन लाख रुपये पर टैक्स नहीं है. इसका मतलब यह कि सालाना 10 लाख रुपये तक की आमदनी पर लोगों को टैक्स नहीं देना होगा. उन्होंने कहा कि टैक्स फ्री आमदनी का फायदा भी ऑटो इंडस्ट्री को मिलेगा. उन्होंने कहा कि इन पहलुओं को देखते हुए कहा जा सकता है कि यह बजट ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए बहुत अच्छा है.