Union Budget 2023: कंपनी कानून के तहत दाखिल फर्म पर अब फटाफट मिलेगा जवाब, बजट में किया गया यह प्रस्ताव
यूनियन बजट 2023 में इस बार कई तरह के प्रस्ताव रखे गए हैं, इन्हीं में से एक प्रस्ताव कंपनी कानून के तहत फ़ाख़िल फॉर्म से जुड़ा हुआ भी है. बता दें कंपनी कानून के तहत अब आपको अपने दाखिल फॉर्म पर फटाफट जवाब मिलेगा.
Union Budget 2023: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का आम बजट पेश किया है. यह बजट वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए है. बता दें यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा और अंतिम पूर्ण बजट है. अगले साल चुनाव होना है, इसलिए अगले साल अंतरिम बजट पेश होगा. चूंकि यह बजट चुनावी साल के पहले पेश किया गया है, इसलिए इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें थीं. जहां एक ओर मध्यम वर्ग महंगाई से राहत की उम्मीद कर रही थी. वहीं सर्विस क्लास को उम्मीद थी कि बजट में टैक्स स्लैब बढ़ेगा. बजट 2023 के दौरान कई कई तरह के प्रस्ताव भी पेश किये गए हैं, इनमें से ही एक प्रस्ताव कंपनी कानून से जुड़ा हुआ है. बता दें इस कानून के तहत अब दाखिल फॉर्म पर फटाफट जवाब दिया जाएगा.
कंपनियों को अधिक तेजी से जवाब दिया जाएगा
सरकार क्षेत्रीय कार्यालयों के पास जमा किए गए फॉर्म के प्रबंधन के लिए एक केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र गठित करेगी. इससे कंपनियों को अधिक तेजी से जवाब दिया जा सकेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र के गठन का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा- कंपनी अधिनियम के तहत क्षेत्रीय कार्यालयों में जमा किए गए विभिन्न फॉर्म के केंद्रीकृत प्रबंधन के लिए एक केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र बनाया जाएगा. इससे कंपनियों को अधिक तेजी से जवाब दिया जा सकेगा.
कारोबारी सुगमता को बढ़ाने के इरादे से उठाए जा रहे कदम
सीतारमण ने बिना दावा वाले शेयरों एवं लाभांश के भुगतान को आसान बनाने के लिए ‘निवेशक शिक्षण एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण’ (आईईपीएफ) बनाए जाने का भी प्रस्ताव रखा. आईईपीएफ कंपनी मामलों के मंत्रालय के तहत कार्य करेगा. उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए बिना दावा वाले शेयरों एवं भुगतान न किए गए लाभांश पर दोबारा दावा करने के लिए एक एकीकृत आयकर पोर्टल भी विकसित किया जाएगा. निवेशक इस पोर्टल पर आईईपीएस से दावा आसानी से कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि ये कदम कारोबारी सुगमता को बढ़ाने के इरादे से उठाए जा रहे हैं. सरकार ने पिछले वर्षों में कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें 39,000 से अधिक अनुपालनाओं को हटाना और 3,400 से अधिक कानूनी प्रावधानों को अपराध-मुक्त करना है. (भाषा इनपुट के साथ)