Union Budget 2023 : ‘देश में होने वाले प्रोग्रामों में फ्री की भागीदारी और यात्राओं पर टीडीएस से मिले छूट’
सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में आयकर कानून में नई धारा 194आर जोड़ी है, जो 1 जुलाई, 2022 प्रभावी है. इस प्रावधान के तहत अगर कोई व्यक्ति कारोबार या पेशे से संबंधित किसी निवासी को कोई लाभ नकद या अन्य रूप में प्रदान करता है, तो उसे लाभ के भुगतान से पहले उसके मूल्य का 10 फीसदी टीडीएस देना होगा.
नई दिल्ली : भारतीय संसद में एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट को लेकर मांगों और उम्मीदों की रफ्तार अब तेज हो गई है. ग्राहकों को सीधे सामान बेचने वाले उद्योग के संगठन इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) ने वित्त मंत्रालय से होटल एवं संबद्ध क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए देश में आयोजित कार्यक्रमों में नि:शुल्क भागीदारी और प्रायोजित यात्राओं को आयकर कानून की धारा 194आर के तहत स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) से छूट देने की मांग की है. स्वायत्त संस्थान ने 2023-24 के बजट से पहले यह सुझाव दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को बजट पेश करेंगी.
सरकार ने आयकर कानून में किया संशोधन
बता दें कि सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए बजट में आयकर कानून में नई धारा 194आर जोड़ी है, जो 1 जुलाई, 2022 प्रभावी है. इस प्रावधान के तहत अगर कोई व्यक्ति (या कंपनी) कारोबार या पेशे से संबंधित किसी निवासी को कोई लाभ नकद या अन्य रूप में प्रदान करता है, तो उसे ऐसे लाभ के भुगतान से पहले उसके मूल्य का 10 फीसदी स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) देना होगा. टीडीएस की यह व्यवस्था किसी वित्त वर्ष के दौरान 20,000 रुपये से अधिक के लाभ पर ही लागू होगी.
टीडीएस के दायरे में कार्यक्रमों में मुफ्त की भागीदारी
आईडीएसए ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि आयकर कानून के प्रावधान से व्यावसायिक संस्थाओं की तरफ से आयोजित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय यात्राएं तथा कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं, जबकि इन कार्यक्रमों या यात्राओं का मकसद अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहित करना होता है. बयान के अनुसार, नये प्रावधान से उन सभी कार्यक्रमों में जहां लोगों को मुफ्त में भागीदारी की सुविधा दी जाती है या जहां उनकी यात्राएं प्रायोजित की जाती हैं, अब टीडीएस के दायरे में आएंगे. आईडीएसए ने कहा कि हालांकि, हम इस नए प्रावधान को लाने के पीछे की सोच की सराहना करते हैं, लेकिन इससे होटल और संबद्ध क्षेत्रों पर पड़ रहे प्रभाव पर गौर करने की जरूरत है.
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कोरोना से होटल इंडस्ट्री पर प्रतिकूल प्रभाव
बयान के अनुसार, कोरोना महामारी से देश के होटल, रेस्तरां और संबंधित क्षेत्रों पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है. ऐसे में जरूरत इस बात की है कि सरकार घरेलू कार्यक्रमों और यात्राओं को प्रोत्साहित करे. इससे घरेलू इकाइयों के लिये आय बढ़ने के साथ होटल क्षेत्र को तेजी से पटरी पर लाने में मदद मिलेगी. फिलहाल, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों और यात्राओं को आयकर कानून की नई धारा के दायरे में लाया गया है. इससे कंपनियों को देश के भीतर इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं दिखता. बयान में कहा गया है कि भारत के भीतर कार्यक्रम और यात्राओं को धारा 194आर के तहत टीडीएस से छूट दी जाती है, तो कंपनियां इसके आयोजन के लिए प्रोत्साहित होंगी.