Budget 2023 : बजट से पहले जान लें टैक्स के मौजूदा स्लैब्स, क्या है नई और पुरानी व्यवस्था
वर्तमान समय में देश में आयकर भुगतान की दो व्यवस्थाएं निर्धारित की गई हैं. आयकरदाता इनमें से किसी एक व्यवस्था को अपना सकता है. पुरानी व्यवस्था के तहत आयकर में 2.5 लाख रुपये तक की छूट दी गई है.
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को यानी आज लोकसभा में केंद्रीय बजट 2023 को पेश करेंगी. इस बार के बजट में टैक्स से छूट की सीमा में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है. लेकिन, संसद के निचली सदन में बजट पेश होने से पहले हम सबको टैक्स के मौजूदा स्लैब्स और नई-पुरानी व्यवस्था के तहत टैक्स की दरों के बारे में जान लेना चाहिए. टैक्स के मौजूदा स्लैब में सालाना 2.5 लाख रुपये तक आमदनी करने वाले लोगों को आयकर से छूट प्रदान किया है. वहीं, नई कर व्यवस्था के तहत आयकर कानून की धारा 87ए के तहत टैक्स से छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक की संभावना जाहिर की जा रही है. आइए, जानते हैं नई और पुरानी कर व्यवस्था के तहत मौजूदा आयकर दरों और स्लैब के बारे में…
क्या है नई और पुरानी कर व्यवस्था
पुरानी कर व्यवस्था : वर्तमान समय में देश में आयकर भुगतान की दो व्यवस्थाएं निर्धारित की गई हैं. आयकरदाता इनमें से किसी एक व्यवस्था को अपना सकता है. पुरानी व्यवस्था के तहत आयकर में 2.5 लाख रुपये तक की छूट दी गई है. इसके अलावा, कर योग्य आय को कम करने के लिए धारा 80सी, 80डी, 80सीसीडी आदि के तहत कटौती का दावा किया जा सकता है.
नई कर व्यवस्था : नई आयकर व्यवस्था को बजट 2021-22 में पेश किया गया था. नई कर व्यवस्था के तहत बिना किसी कटौती के 5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगाया जाता है. हालांकि, यदि वार्षिक आय 5 लाख रुपये से अधिक है, तो सालाना 5 लाख रुपये की आय में से 3 लाख रुपये पर आयकर लगाया जाता है. यहां आपको यह बताना जरूरी है कि सालाना 2.5 लाख रुपये तक की आय पर नई और पुरानी कर व्यवस्था के तहत छूट प्रावधान है. हालांकि, नई व्यवस्था के तहत कोई कटौती का दावा नहीं किया जा सकता.
80सी के तहत बढ़ सकती छूट की सीमा
अब एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट 2023 से उम्मीद की जा रही है कि सरकार कर छूट या छूट की सीमा बढ़ाकर व्यक्तिगत करदाताओं को राहत दे सकती है. केंद्रीय बजट 2023-23 में धारा 80सी के तहत कटौती की सीमा को वर्तमान में 1.5 लाख रुपये से बढ़ाने की भी मांग की जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि बजट 2023 से आम आदमी को फायदा होने की उम्मीद है. वस्तुओं और सेवाओं की बढ़ती कीमतों के साथ यह आशा की जाती है कि वित्त मंत्री छोटे करदाताओं को राहत देने का उपाय तलाशेंगी. यह मानक कटौती को बढ़ाकर या आयकर अधिनियम, 1961 के तहत धारा 80सी की सीमा बढ़ाकर किया जा सकता है.
पुरानी व्यवस्था के तहत टैक्स की दरें
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सालाना 2,50,000 रुपये तक की आय करमुक्त
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सालाना 2,50,000-5,00,000 रुपये तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स
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सालाना 5,00,000-7,50,000 रुपये तक की आय पर 20 फीसदी टैक्स
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सालाना 7,50,000-10,00,000 रुपये तक की आय पर 20 फीसदी टैक्स
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सालाना 10,00,000-12,50,000 रुपये तक की आय पर 30 फीसदी टैक्स
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सालाना 12,50,000-15,00,000 रुपये तक की आय पर 30 फीसदी टैक्स
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सालाना 15,00,000 रुपये से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स
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नई व्यवस्था के तहत टैक्स की दरें
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सालाना 2,50,000 रुपये तक की आय करमुक्त
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सालाना 2,50,000-5,00,000 रुपये तक की आय पर 5 फीसदी टैक्स
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सालाना 5,00,000-7,50,000 रुपये तक की आय पर 10 फीसदी टैक्स
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सालाना 7,50,000-10,00,000 रुपये तक की आय पर 15 फीसदी टैक्स
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सालाना 10,00,000-12,50,000 रुपये तक की आय पर 20 फीसदी टैक्स
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सालाना 12,50,000-15,00,000 रुपये तक की आय पर 25 फीसदी टैक्स
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सालाना 15,00,000 रुपये से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स