Budget 2023 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी एक फरवरी को संसद में बजट पेश करेंगी. इस साल का बजट चुनावी साल से पहले का बजट है. केंद्रीय बजट 2023 में पीएलआई योजना को मजबूती देने, दूसरे सेक्टरों में पीएलआई योजना को लागू करने और इसके लिए धन के आवंटन को लेकर फैसले किए जा सकते हैं. इसके अलावा, सबसे बड़ी बात यह है कि इस साल के बजट में वैकल्पिक ऊर्जा, आईटी इंडस्ट्री, बुनियादी ढांचा, डिजिटल टेक्नोलॉजी और आतिथ्य उद्योग पर फोकस हो सकता है.
घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मार्च 2020 में प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का उद्देश्य भारत को ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब में बदलना है, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांगों को पूरा करने में सक्षम हो. इस योजना के माध्यम से सरकार कुछ क्षेत्रों में उच्च उत्पादन लागत के लिए भारतीय उत्पादकों को क्षतिपूर्ति देने का प्रयास करती है.
वर्तमान समय में पारंपरिक ऊर्जा खत्म होते जा रहे है, जिस कारण वैज्ञानिक अपने रिसर्च से गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों को भी उपयोग में ला रहे हैं. इससे पारंपरिक उर्जा स्रोतों का उपयोग कम होगा और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत से लोगों को फायदा होगा. वैकल्पिक ऊर्जा में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, सामुद्रिक ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा आदि शामिल हैं. ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार अधिक अन्वेषण और उत्पादन के लिए निवेश आकर्षित करने की खातिर पहल कर रही है. वर्ष 2020 तक भारत का स्थान पवन ऊर्जा उत्पादन में चौथा, सौर ऊर्जा में पांचवां और नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में चौथा स्थान था. सरकार आजादी के 100 साल पूरे होने से पहले वर्ष 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करने की योजना बना रही है.
वर्तमान 2022 में भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र (आईटी सेक्टर) का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8 फीसदी हिस्सेदारी है. वित्त वर्ष 2022 में आईटी और बीपीएम उद्योग का राजस्व 227 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो सालाना 15.5 फीसदी की वृद्धि है. वित्त वर्ष 2022 में आईटी उद्योग का घरेलू राजस्व 49 बिलियन डॉलर और निर्यात राजस्व 178 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है. आईटी उद्योग ने वित्त वर्ष 2022 में करीब 5 लाख कर्मचारियों को रोजगार दिया है. इसमें करीब 50 लाख लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से काम कर रहे हैं, जिससे यह सर्वाधिक रोजगार प्रदान करने वाले क्षेत्रों में से एक बन गया है.
बुनियादी ढांचा क्षेत्र में मांग बहुत है और संभावनाएं भी अपार हैं. बुनियादी ढांचा दुरुस्त हुआ तो उसका फायदा गरीबों को भी मिलेगा. देश में राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के विकास पर सरकार के बढ़ते फोकस के साथ इस साल के बजट में सड़क और राजमार्ग मंत्रालय को बजटीय सहायता मिलने की संभावना है, जो पिछले बजट की तुलना में लगभग 20 फीसदी अधिक हो सकती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूंजीगत और राजस्व व्यय के लिए बजट 2023 में 2.20 लाख करोड़ रुपये या उससे अधिक की सीमा में सकल बजटीय समर्थन की संभावना है. पिछले बजट 2022 में केंद्र सरकार ने सड़क और राजमार्ग मंत्रालय के लिए सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) के रूप में लगभग 1.99 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया था.
बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का डिजिटलीकरण पर जोर था. उन्होंने डिजिटल इंडिया की पहल को आगे बढ़ाते हुए डाकघर से लेकर खेती-किसानी तक के कायाकल्प की घोषणाएं की थीं. वित्त मंत्री के भाषण में आरबीआई की डिजिटल करेंसी से लेकर किसानों को डिजिटल सेवाएं देने, डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने, ई-पासपोर्ट मुहैया कराने, डिजिटल शिक्षा, डिजिटल बैंक और डिजिटल डाकघर के संबंध में बड़ी घोषणाएं की गई थीं.
Also Read: Union Budget 2023 : टैक्स में भारी छूट पाना चाहती हैं बीमा और रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनियां, पढ़ें रिपोर्टआतिथ्य उद्योग (हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री) होटल, खाद्य एवं पेय सेवा, इवेंट मैनेजमेंट, एम्यूजमेंट पार्क और परिवहन को समाहित करने वाले विभिन्न उद्योगों की एक विस्तृत श्रेणी है. इसमें होटल, रेस्तरां और बार आदि को शामिल किया गया है. होटल इंडस्ट्री का इसके विस्तार और विकास के इतिहास में मुख्य भूमिका रखता है. कोरोना महामारी के बाद आतिथ्य उद्योग ने पहले की तरह वापसी की है और अच्छा समय लौट आया है. इस उद्योग से जुड़े लोग कुछ बेहतरीन वर्षों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. अर्थव्यवस्था अच्छी तरह से उबर चुकी है. उम्मीद की जा रही है कि आतिथ्य उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार में बजट में अतिरिक्त प्रावधान कर सकते हैं.