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Union Budget 2023 Demands : मीडिल क्लास और स्मॉल ट्रेडर्स को मिले राहत, CTI ने वित्त मंत्री को लिखी चिट्ठी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आगामी एक फरवरी को लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश करेंगी. पिछले दो केंद्रीय बजटों की तरह इस साल का बजट भी पेपरलेस होगा. अगले वित्त वर्श के लिए सालाना बजट तैयार करने की औपचारिक कवायद 10 अक्टूबर को शुरू कर दी गई थी.

नई दिल्ली : दिल्ली स्थित व्यापारियों के संघ चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने अपनी बजटपूर्व सिफारिशों के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मध्यम वर्ग और छोटे कारोबारियों के लिए राहत की मांग की है. इसके लिए सीटीआई की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखी है. वित्त मंत्री को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि सभी क्षेत्रों को बजट में सरकार से राहत की जरूरत है. खासकर, मध्यम वर्ग और दिल्ली के 20 लाख व्यापारियों को पिछले आठ सालों में बजट में कोइ्र राहत नहीं मिली है. सभी को उम्मीद है कि इस बजट से उन्हें कुछ राहत जरूर मिलेगी.

10 अक्टूबर 2022 से शुरू हो गई थी बजट प्रक्रिया

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आगामी एक फरवरी को लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश करेंगी. पिछले दो केंद्रीय बजटों की तरह इस साल का बजट भी पेपरलेस होगा. अगले वित्त वर्श के लिए सालाना बजट तैयार करने की औपचारिक कवायद 10 अक्टूबर को शुरू कर दी गई थी.

वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स से मिले राहत

सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने कहा कि देश के वरिष्ठ नागरिकों को उनकी वृद्धावस्था को देखते हुए टैक्स में छूट का लाभ मिलना चाहिए. सीटीआई की विज्ञप्ति में कहा गया है कि करदाताओं को उनकी वृद्धावस्था में पिछले वर्षों के दौरान भुगतान किए गए आयकर के आधार पर सामाजिक सुरक्षा और सेवानिवृत्ति का लाभ मिलना चाहिए.

भुगतान की पुरानी सीमा बहाल हो

इसके अलावा, सीटीआई ने व्यापार करने में आसानी के लिए सरकार से नकद भुगतान की पुरानी सीमा को बहाल करने की सिफारिश की है. कारोबारियों के संगठन ने कहा कि पिछले 20 साल से नकद लेन-देन की सीमा नहीं बढ़ी है. छह साल पहले डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए नकद भुगतान की सीमा को 20,000 रुपये से घटाकर 10,000 रुपये कर दिया गया था. 20 हजार रुपये की सीमा 22 साल से चल रही थी.

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मध्यम वर्ग के लोगों को मिले किफायती लोन

इसके साथ ही, सीआईटी ने आयकर अधिनियम की धारा 40ए के तहत एक दिन में किसी भी व्यक्ति को 10,000 रुपये से अधिक का नकद भुगतान आय की गणना में कटौती के रूप में स्वीकार्य नहीं होगा. इन बातों के अलावा, व्यापारियों के संगठन ने मध्यम वर्ग के लिए किफायती लोन, विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अलग योजनाएं और पैकेज तथा मेक इन इंडिया पहल और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक निर्यात केंद्र की मांग की है.

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