केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शनिवार को कोलकाता में राज्य सचिवालय नबान्न स्थित सभागार में पूर्वी क्षेत्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक समाप्त हो गई है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीएसएफ के साथ सहयोग करें ताकि वह और अधिक सक्रिय हो सकें. इसके साथ ही कई अन्य मुद्दों को लेकर भी विचार विमर्श किया गया है. पश्चिम बंगाल के साथ ही अन्य राज्यों की समस्याओं पर बात चीत हुई है. गौरतलब है कि इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, ओडिशा के मंत्री प्रदीप कुमार अमेत और तुषार कांति बेहरा शामिल हो रहे हैं. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला भी बैठक में हिस्सा ले रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक बैठक में गौ तस्करी और बीएसएफ पर चर्चा की गई है. नबान्न सूत्रों के मुताबिक बैठक में डीवीसी, महानंदा और मयूराक्षी के जल बंटवारे पर चर्चा होनी है. इसके अलावा फ्रेट कॉरिडोर बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण, वन, खनन समेत करीब 40 मुद्दे एजेंडे में हैं. डीवीसी के पानी को लेकर हर साल पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के बीच विवाद होता है. महानदी के पानी को लेकर फिर से ओडिशा और बिहार के बीच विवाद है. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि कितना पानी छोड़ा जाएगा इसकी जानकारी दी जाएं ताकि उसके लिये लोग पहले से ही सतर्क रहें.
Also Read: West Bengal Breaking News LIVE : केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक जारीवन (सरंक्षण) नियम, 2022 में जिस प्रकार से वन भूमि अपयोजन में ग्राम सभा के अधिकार को समाप्त किया गया है, उससे पूरे देश के करीब 20 करोड़ आदिवासी एवं वनों में पीढ़ियों से निवास करने वाले लोगों के अधिकारों का घोर अतिक्रमण हुआ है. उनके अधिकारों की रक्षा के लिए इसे वनाधिकार अधिनियम 2006 के अनुरूप संशोधित किया जाए. ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कही. मुख्यमंत्री कोलकाता में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद के बैठक में बोल रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा पांच हेक्टेयर तक की वन भूमि के अपयोजन के लिए राज्य सरकार के द्वारा स्वीकृत किये जाने के पूर्व के प्रावधान को बहाल किया जाए.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीमा सुरक्षा का मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि बीएसएफ की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है. जिसके बाद सीएम ममता और बीएसएफ अधिकारियों की बीच बहस भी हो गई. सीएम ममता ने बीएसएफ के दायरे को 15 किमी. से 50 किमी. करने का विरोध किया था. वे पहले से इस मुद्दे का विरोध कर रही हैं. इससे बीएसएफ के पास ज्यादा पावर मिल जाती है.
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