केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने वन महोत्सव का किया ऑनलाइन उदघाटन, बोले-जीवन के लिए जरूरी है पर्यावरण संतुलन

Jharkhand News, सरायकेला न्यूज (शचिंद्र कुमार दाश) : झारखंड के खरसावां के दितसाही स्कूल मैदान में 72 वां वन महोत्सव आयोजित किया गया. कार्यक्रम का ऑनलाइन उदघाटन नयी दिल्ली से केंद्रीय जनजाति मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया. उन्होंने कहा कि जीवन के लिए पर्यावरण संतुलन जरूरी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2021 5:40 PM

Jharkhand News, सरायकेला न्यूज (शचिंद्र कुमार दाश) : झारखंड के खरसावां के दितसाही स्कूल मैदान में 72 वां वन महोत्सव आयोजित किया गया. कार्यक्रम का ऑनलाइन उदघाटन नयी दिल्ली से केंद्रीय जनजाति मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया. उन्होंने कहा कि जीवन के लिए पर्यावरण संतुलन जरूरी है.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रकृति का सृजन उत्सव अपने पूरे उत्कर्ष पर है और हमें इसमें भागीदार बनने के लिये प्रेरित कर रहा है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण व प्रकृति से ही हमारा अस्तित्व जुड़ा हुआ है. पर्यावरण का संतुलन ही हमारे जीवन का आधार है. हमारे पूर्वजों ने हमें प्रकृति के साथ रहना सिखाया है, परंतु जनसंख्या बढ़ने के कारण जंगलों का भी ह्रास हुआ है. जलवायु परिवर्तन के लिए दुनिया चिंतित है. हम प्रकृति के जीतने करीब रहेंगे, उतने ही सुखी रहेंगे.

Also Read: काम दिलाने के बहाने झारखंड से आंध्र प्रदेश ले जायी जा रहीं 3 नाबालिग समेत 15 लड़कियां बाल-बाल बचीं

वन अधिकार अधिनियम को सही मायने में लागू करने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय एवं वन,पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय मिल कर कार्य कर रहे हैं. देश के विभिन्न हिस्सों के जंगल में रहनेवाले जनजाति भाई बहनों को व्यक्तिगत या सामूहिक वनाधिकार के माध्यम से उन्हें नैसर्गिक जीवन जीने की सुविधा मिलेगी. ग्राम सभाओं को भी मजबूत किया जायेगा. वनोपज के जरिये भी उन्हें आर्थिक रुप से लाभ पहुंचेगा.

Also Read: झारखंड की घाघीडीह सेंट्रल जेल में ट्रस्ट के संचालक हरपाल सिंह थापर की मौत, रंगरेटा महासभा ने बताया बड़ी साजिश

मौके पर डीएफओ आदित्य नारायण, बीडीओ मुकेश मछुआ, वन क्षेत्र पदाधिकारी सुरेश प्रसाद, सांसद प्रतिनिधि विजय महतो, उदय सिंहदेव, मुखिया मंजु बोदरा, सुमंत मोहंती, जीतवाहन मंडल, हरिश चंद्र आचार्य, विवेका प्रधान, सपन आचार्या, निरंजन मिश्रा, मनोज तिवारी आदि उपस्थित रहे.

Also Read: नाराज महालक्ष्मी ने तोड़ा प्रभु जगन्नाथ का रथ, ओडिशा की तर्ज पर सरायकेला में निभायी गयी रथ भंगिनी परंपरा

Posted By : Guru Swarup Mishra

Next Article

Exit mobile version