केंद्रीय मंत्री का कानपुर दौरा निरस्त, आयोजकों ने हटवाई कुर्सियां, सपा ने कहा- न ‘जन’ मिला न ‘आशीर्वाद’
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कानपुर दौरा मौसम खराब होने वजह से निरस्त हो गया. इससे आयोजकों ने कुर्सियां हटवा ली. वहीं, इस पर सपा ने वीडियो ट्वीट कर तंज कसा है.
UP Election 2022: कानपुर में पांच जनवरी को 14 हजार 629 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देने आ रहे केंद्रीत भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का दौरा निरस्त हो गया है. अब वो वर्चुअल माध्यम से कानपुर को करोड़ों की सौगात देंगे.
बता दें कि 14,629 करोड़ रुपये से कानपुर के अलावा अन्य जिलों को भी विकास कार्यो की सौगात देने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री का शहर आगमन था जो कि खराब मौसम हो जाने के कारण निरस्त हो गया है और वह सीधे राजधानी लखनऊ के लिए रवाना हो गए. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री के साथ ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी शामिल होना था.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लखनऊ से वर्चुअल माध्यम से कानपुर के विकास कार्यों को हरी झंडी दिखाई. वहीं जब लखनऊ में वर्चुअल कार्यक्रम चल रहा था, तब कानपुर में पंडाल का ये आलम था कि जनसभा स्थल में 500 लोग भी मौजूद नहीं थे, जिससे आयोजक की किरकिरी शुरू हो गई. वहीं आयोजक ने कार्यक्रम की इज्जत न घटे, इसलिए पंडाल से 2000 से ऊपर खाली कुर्सियां ही हटवा दी.
Also Read: UP Chunav 2022: कानपुर में सपा को बड़ा झटका, हाजी सुहैल ने ‘साइकिल’ छोड़ थामा ‘हाथ’ भीड़ न जुटी, इसलिए हटाई कुर्सियांकेंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कार्यक्रम में भारी भीड़ जुटाने के लिए लोगों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन जब 11 बजे तक दो हजार लोग भी नहीं पहुंचे तो पंडाल के पीछे कुर्सियों को हटाना शुरू कर दिया गया. खाली कुर्सियां देख पार्टी की फजीहत न हो जाए, इसलिए आयोजक ने खाली पड़ी कुर्सियों को पंडाल से उठवा दिया. कार्यक्रम में बेहद कम भीड़ देखकर भाजपा विधायकों और पदाधिकारियों के भी चेहरे उतर से गए.
सपा ने कसा तंजभाजपा के कार्यक्रम में भीड़ न पहुंच पाने पर समाजवादी पार्टी ने एक वीडियो को ट्वीट कर तंज कसा. सपा ने कहा, कुर्सियां खाली थीं. ‘किराये’ की भीड़ नदारद थी. आयातित नेता थे. हजारों करोड़ का संसाधन था. फिर भी न ‘जन’ मिला न ‘आशीर्वाद’.
अथ 'जन आशीर्वाद' यात्रा उवाच
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) January 5, 2022
कुर्सियां खाली थीं
'किराये' की भीड़ नदारद थी
आयातित नेता थे
हजारों करोड़ का संसाधन था
फिर भी न 'जन' मिला न 'आशीर्वाद'
इस बार इंकलाब होगा
22 में बदलाव होगा pic.twitter.com/uKiebpCTVG
रिपोर्ट- आयुष तिवारी, कानपुर