जामताड़ा : साइबर क्राइम से बच्चों को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने की अनोखी पहल
स्कूल में कक्षा नौ में 401, कक्षा 10 में 339, कक्षा 11 में 624 व कक्षा 12वीं में 433 बच्चे नामांकित हैं. वहीं शिक्षा विभाग का दावा है कि कुल नामांकित बच्चों में करीब 325 बच्चे संदिग्ध हैं. जो साइबर क्राइम जैसे अपराध से जुड़े हुए हैं.
जामताड़ा जिले में एक ऐसा स्कूल है, जहां प्रतिदिन तीन बार बच्चों की उपस्थिति बनती है. कारण यह है कि इस स्कूलों में अध्ययनरत 1795 छात्रों में 300 से ज्यादा ऐसे बच्चे हैं, जो शिक्षा विभाग की नजर में साइबर अपराध से जुड़े हो सकते हैं. करमाटांड़ प्रखंड के राजकीयकृत गुलाब राय गुटगुटिया प्लस टू स्कूल में 300 से अधिक बच्चे- बच्चियां प्रार्थना सभा के बाद उपस्थित बनवा कर स्कूल से भाग जाते हैं. अंदेशा है कि स्कूल से गायब होनेवाले ये बच्चे साइबर क्राइम करने वाले युवकों के साथ जुड़कर साइबर क्राइम को अंजाम देते हैं. जब अन्य किसी राज्य की पुलिस इन बच्चों को पकड़ कर ट्रांजिट रिमांड पर लेकर जाना चाहते हैं, तो इन बच्चों के अभिभावक जबरन स्कूल से उपस्थिति पंजी का फोटाे कॉपी लेकर कोर्ट में पेश करते हैं और आसानी से कोर्ट से जमानत ले लेते हैं. इसका खुलासा तब हुआ जब पिछले महीने केरल से आयी पुलिस ने साइबर क्राइम से जुड़े नाबालिग को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर ले गयी. इसके बाद अभिभावक स्कूल के प्रधानाध्यापक पर दबाव बनाकर उपस्थिति पंजी का फोटो कॉपी ले जाकर कोर्ट में पेश कर जमानत लेने में सफल रहे. तब शिक्षा विभाग को साइबर क्राइम जैसे मामले में स्कूली बच्चों के भी जुड़ने का शक हुआ और बच्चों को स्कूल में रोकने के लिए तीन बार उपस्थिति बनाना शुरू किया.
शिक्षा विभाग का दावा, नामांकित 1795 बच्चों में करीब 325 बच्चे हैं संदिग्ध
स्कूल में कक्षा नौ में 401, कक्षा 10 में 339, कक्षा 11 में 624 व कक्षा 12वीं में 433 बच्चे नामांकित हैं. वहीं शिक्षा विभाग का दावा है कि कुल नामांकित बच्चों में करीब 325 बच्चे संदिग्ध हैं. जो साइबर क्राइम जैसे अपराध से जुड़े हुए हैं. शिक्षा विभाग को जब इस प्रकार के मामला पता चला तो स्कूल में प्रतिदिन तीन बार प्रार्थना सभा के बाद, टिफिन के बाद व छुट्टी के समय बच्चों की उपस्थिति बनवा रही है. ताकि जो बच्चे स्कूल पहुंच गये हैं वे बच्चे स्कूल से भाग नहीं सके. पठन-पाठन करें. वहीं जो बच्चे कक्षा से अनुपस्थित रह रहे हैं, वे प्रायोगिक परीक्षा, वार्षिक परीक्षा में शामिल हो जाते हैं.
क्या कहना है अधिकारियों का
जामताड़ा के डीइओ डॉ गोपाल कृष्ण झा ने कहा कि इस स्कूल में कई ऐसे बच्चे हैं, जो साइबर क्राइम जैसे अपराध में संलिप्त हैं. प्राचार्य की ओर से बताया गया कि नामांकित बच्चों में करीब 325 बच्चे संदिग्ध हैं. यह जानकारी पुलिस प्रशासन को भी है. लगातार अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के अभिभावक से बातचीत करने का निर्देश प्राचार्य को दिया गया है.
जामताड़ा के साइबर डीएसपी मजरूल होदा ने कहा कि करमाटांड़ के स्कूल से उपस्थिति बनाने के बाद बच्चे भाग कर साइबर क्राइम को अंजाम देने का मामला संज्ञान में आया है. स्कूल से भाग रहे बच्चों व अभिभावकों के बीच जागरूकता कार्यक्रम चलाया जायेगा. इन बच्चों काे पुलिस ट्रैक भी करेगी कि आखिरकार बच्चे स्कूल से भागकर कहां पहुंच रहे हैं.
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