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वर्दी का रौब: हाईकोर्ट की फटकार के बाद पांच पुलिसकर्मी समेत 9 पर दर्ज हुआ मुकदमा,जानें क्या है पूरा मामला

पीड़िता शहनाज ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके भतीजे को पांच दिन चौकी में रखा और मारा पीटा. चौकी प्रभारी ने उसे अन्य लोगों के माध्यम से डरा धमकाकर 50 हजार रुपये मांगे. न देने पर भतीजे को जेल भेजने की धमकी दी.

कानपुरः उत्तर प्रदेश के उन्नाव में पुलिस ने एक नाबालिग की पिटाई की और उसे एक पैर पर खड़ा रखकर यातनाएं दी. यहीं नहीं पुलिस पर उसके खिलाफ फर्जी रिपोर्ट दर्ज करने का भी आरोप लगा है. पुलिकर्मियों का साथ कोतवाली प्रभारियों ने भी बखूबी से दिया और मामले को रफादफा करने में लग गए. जब हाईकोर्ट ने फटकार लगाई तब जाकर मगरवारा पूर्व चौकी प्रभारी व चार पुलिसकर्मियों समेत नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई.

पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि चौकी प्रभारी ने चार सिपाहियों व चार अन्य के साथ मिलकर एक किशोर के खिलाफ मोबाइल चोरी की फर्जी रिपोर्ट दर्ज की और उसे प्रताड़ित किया. मसवासी की महिला की याचिका पर कोर्ट ने पुलिसकर्मियों समेत सभी पर केस दर्ज करने का आदेश दिया. लेकिन पूर्व और वर्तमान कोतवाली प्रभारी इसे टालते रहे. जब मामला एसपी के पास पहुंचा तो उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज करने को सम्बंधित थाने को कहा.

पांच दिन बंद करके चौकी पर रखा

पीड़िता शहनाज ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके भतीजे को पांच दिन चौकी में रखा और मारा पीटा. चौकी प्रभारी ने उसे अन्य लोगों के माध्यम से डरा धमकाकर 50 हजार रुपये मांगे. न देने पर भतीजे को जेल भेजने की धमकी दी. शहनाज ने कहा कि उसने इसकी शिकायत तब एसपी और कोतवाली प्रभारी से की थी. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. आरोप लगाया कि 30 जुलाई 2022 को भतीजे शोएब के खिलाफ अभिषेक के कहने पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर एक अन्य मुकदमें में समझौते का दबाव बनाया गया. उसने समझौता नहीं किया और सीजेएम कोर्ट में वाद दायर कर दिया. तत्कालीन सीजेएम ने मुकदमे की पत्रावली सुनवाई के लिए सिविल जज जूनियर डिवीजन चार के कोर्ट में स्थानांतरित कर दी.

सात और 19 जनवरी को सुनवाई के बाद सिविल जज शिखा सिंह ने सदर कोतवाली पुलिस को उक्त प्रकरण में चौकी प्रभारी व पांच सिपाहियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. जिसके बाद कोतवाली पुलिस कई दिनों तक मामले को टालती रही. इस बीच दारोगा रोहित पांडेय ने डीजे कोर्ट में अपील की. सुनवाई के बीच ही मामले की फाइल अपर जिला जज कोर्ट नंबर 11 पाक्सो एक्ट कोर्ट में ट्रांसफर कर दी. जहां गुरुवार को न्यायाधीश विवेकानंद विश्वकर्मा ने आरोपित दारोगा रोहित की अपील को खारिज करते हुए पांचों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

सीजेएम कोर्ट में दायर किया वाद

मसवासी गांव की शहनाज बेगम ने सीजेएम कोर्ट में वाद दायर किया. आरोप लगाया था कि 25 जुलाई 2022 को मगरवारा चौकी प्रभारी रोहित पांडेय, सिपाही विकास वर्मा, अंकित यादव, जितेंद्र पाल सिंह, रोहित यादव ने गांव के अभिषेक सिंह उर्फ लाला, मन्नू सविता, मानस और बऊआ के साथ उसके नाबालिग भतीजे शोएब पर मोबाइल चोरी का झूठा आरोप लगा चौकी में बंद कर दिया. उसके खिलाफ फर्जी रिपोर्ट लिखी. कोर्ट ने सभी नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया पर दर्ज नहीं कर रहे थे.एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा को जानकारी हुई तो उन्होंने फटकार लगाई.इसके बाद पांच पुलिसकर्मियों समेत नौ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है.बता दे कि मंगरवारा चौकी प्रभारी रहे रोहित पांडेय बेहटा मुजावर थाने में तैनात है.

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एसपी ने क्या कहा

वहीं पूरे मामले में एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा का कहना है कि मामला काफी पुराना है. कोर्ट से रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश हुआ था. अब रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. उन्हें पहले जानकारी नहीं थी.मामले की जांच कराई जा रही है.

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