बरेलीः उत्तर प्रदेश के बरेली का स्मार्ट सिटी में चयन हो चुका है. बरेली को स्मार्ट सिटी बनाने पर करीब 500 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, तो वहीं शहर के कई प्रोजेक्ट पर 500 करोड़ रुपये, और खर्च किए जा रहे हैं. मगर मानसून की बारिश में बरेली स्मार्ट सिटी की धुलाई हो गई है. शहर की सड़कें बारिश के पानी से लबालब हैं. जिसके चलते लोगों का निकलना मुश्किल है, तो वहीं शहर के तमाम इलाकों के घर और दुकानों में पानी घुस गया है.
हर वर्ष बरेली नगर निगम शहर के नालों की सफाई कराता था. इस बार स्मार्ट सिटी के नालों की सफाई नहीं कराई गई. जिसके चलते मानसून की शुरुआती बारिश में ही स्मार्ट सिटी के नालों की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी है. शहर के मढ़ीनाथ, पुराना शहर, जगतपुर, पनबड़िया, संजयनगर, बदायूं रोड की शांति नगर कालोनी आदि में मोहल्लों में पानी भर गया है. यहां की सड़कें पानी से लबालब हैं, तो वहीं दुकानों में भी गंदा पानी घुस गया. बुधवार सुबह से ही झमाझम बरसात शुरू हो गई. जबकि मंगलवार को भी दिनभर रिमझिम होती रही. शहर के बाजार, और मोहल्ले चंद मिनटों में जलमग्न हो गए. नाले और नालियों का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर आ गया. शहर के निचले इलाकों में बारिश और नालियों का पानी कई घरों में भर गया. मढ़ीनाथ, जगतपुर, शांति विहार समेत कई इलाकों के रास्तों पर पानी भर गया है. जलभराव के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
बरेली के कुछ हिस्सों में सीवर लाइन डालने का काम चल रहा है. इसके साथ ही कई जगह सीवर पड़ चुकी है. ठेकेदारों ने जगह-जगह सड़कों को खोदकर छोड़ा दिया है. यहां बारिश के कारण कीचड़ हो गया. इन सड़कों से वाहन, तो दूर की बात है. लोगों के लिए पैदल भी निकलना मुश्किल हो गया है.मढ़ीनाथ, जगतपुर, और पुराना शहर के रोड़ों पर कीचड़ भरा है.वाहन चालकों को निकलने में परेशानी हो रही है.
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बारिश से पहले शहर के कई मार्गों पर नई सड़क डाली गई थी. मगर, शहर के सिटी स्टेशन रोड,सतीपुर से भरतौल, बदायूं रोड, और चौरासी घंटा मंदिर समेत कई सड़कें उखड़ गई हैं. सड़क निर्माण में लगाई गई बजरी सड़कों पर आ गई है. इससे हादसे होने लगे हैं.
सावन शुरू होने से पहले कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने कावड़ियों के मार्ग की सड़कों पर गड्ढे न होने की चेतावनी दी थी.उन्होंने गड्ढे मिलने पर सबंधित जेई, एई को सस्पेंड करने की चेतवानी दी गई थी.मगर,इसके बाद भी शहर के अधिकांश सड़कों के गड्ढे नहीं भरे गए हैं.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली