UP Board: नए सत्र से आठ सेमेस्टर में होगी 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई, खत्म होंगे विज्ञान, कला और वाणिज्य वर्ग

यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्रों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ जाता है. एक साथ उन्हें साल भर की पढ़ाई करनी होती है. छात्रों को पढ़ाई में सहूलियत मिले, इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग अब अलग-अलग हिस्से में बोर्ड की परीक्षा लेगा. इससे छात्रों को परीक्षा के लिए बेहतर तरीके से करने का मौका मिलेगा.

By Sanjay Singh | December 28, 2023 11:51 AM
an image

UP Board New Semester: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) में अब पढ़ाई का स्वरूप बदला नजर आएगा. नए शैक्षणिक सत्र से 9वीं से 12वीं कक्षा में नया सेमेस्टर सिस्टम लागू होगा और इसके आधार पर पढ़ाई कराएगी जाएगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सेमेस्टर व्यवस्था के जरिए छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम करने की कवायद शुरू हो गई है. नए सत्र से 9वीं से 12वीं कक्षा तक कुल आठ सेमेस्टर में पढ़ाई और परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. इसके साथ ही विज्ञान, कला और वाणिज्य वर्ग को समाप्त कर एक ही वर्ग का कोर्स चलाया जाएगा, जिनमें बोर्ड के सभी विषय शामिल होंगे. उच्च शिक्षा की तरह अब माध्यमिक शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रम में बदलाव से छात्रों पर मानसिक दबाव कम होने की बात कही जा रही है. नए सेमेस्टर सिस्टम में साल में अलग अलग सेमेस्टर में विद्यार्थी सिलेबस के अलग अलग हिस्से की परीक्षा देंगे. इससे छात्रों पर विशाल सिलेबस की परीक्षा एक बार में देने का दवाब व तनाव कम होगा. इतना ही नहीं विद्यार्थियों का मूल्यांकन भी कम समय में हो सकेगा. विद्यार्थी अपनी कमजोरियों को जानेगा और उसे सुधारने का अवसर मिलेगा.

एक साथ पूरे सेलेबेस की पढ़ाई से मिलेगी निजात

आमतौर पर यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्रों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ जाता है. एक साथ उन्हें साल भर की पढ़ाई करनी होती है. छात्रों को पढ़ाई में सहूलियत मिले, इसके लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग अब अलग-अलग हिस्से में बोर्ड की परीक्षा लेगा. इससे छात्रों को परीक्षा के लिए बेहतर तरीके से करने का मौका मिलेगा. बताया जा रहा है कि सेमेस्टर में 50 नंबर के सवाल प्रयोगात्मक होंगे. इनमें से 20 अंक के सवालों के जवाब ओएमआर शीट पर देने होंगे. वहीं 50 नंबर की लिखित परीक्षा होगी. लिखित परीक्षा में भी सवालों में विकल्प दिए जाएंगे. संबंधित विकल्प में से किन्हीं एक का जवाब परीक्षार्थी को देना होगा.

Also Read: UP Police Constable Bharti: लिखित परीक्षा की तारीख में हो सकता है बदलाव, भर्ती बोर्ड ने मांगी ये अहम जानकारी
बच्चों को खास स्ट्रीम से पढ़ाई के दबाव से मिलेगी मुक्ति

माध्यमिक शिक्षा परिषद के मुताबिक नए शैक्षिक सत्र से रसायन, भौतिक, जीव व गणित पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाले छात्र की इच्छा इतिहास पढ़ने की है तो उसको पढ़ सकेगा. इसी तरह भूगोल, इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र व गृह विज्ञान पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाले छात्र इच्छानुसार गणित या विज्ञान विषय की पढ़ाई कर सकेंगे. इसकी वजह से अभिभावक अपने बच्चों पर विज्ञान वर्ग से पढ़ाई करने का दबाव नहीं डाल सकेंगे, न ही कला वर्ग से पढ़ाई करने वाले बच्चे की काबिलियत पर सवाल होंगे. विभाग इसके लिए इन सभी वर्ग को खत्म कर सामान्य वर्ग के कोर्स जारी करेगा. कहा जा रहा है कि कम समय में मूल्यांकन और विषय बंधन से छात्रों को मिलेगी मुक्ति सेमेस्टर प्रणाली लागू होने से कम समय में छात्रों का मूल्यांकन हो सकेगा. जिस विषय में वे कमजोर हैं, उसमें सुधार करने का मौका मिलेगा. विज्ञान वर्ग की पढ़ाई करने वाले छात्र की रुचि साहित्य में है, तो वह इसे एक पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ सकेंगे.

छात्रों को दिया जाएगा मूल्यांकन प्रमाण पत्र

माध्यमिक शिक्षा विभाग में लखनऊ मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार के मुताबिक एनसीएफ-2023 को पूरी तरीके से लागू किया जाएगा. नए साल में इसके लिए कई तरह की योजना बनाई गई है. उच्च शिक्षा की तरह माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी सेमेस्टर प्रणाली लागू होगी. मार्कशीट की तरह छात्रों को समग्र व्यक्तित्व मूल्यांकन प्रमाण पत्र दिया जाएगा. खेलकूद में प्रतिभाग, विज्ञान प्रदर्शनी व अन्य तरह के प्रशिक्षण कार्य के प्रमाण पत्र शामिल होंगे. माध्यमिक शिक्षा विभाग के कोर्स में सेमेस्टर प्रणाली लागू होने से छात्रों में समग्र शिक्षा का विकास होगा. पढ़ाई का भार कम होने के साथ ही अपनी रुचि के विषय को पढ़ने का मौका मिलेगा.

Exit mobile version