UP Chunav 2022: भीम आर्मी चीफ से बात नहीं करती मायावती! चन्द्रशेखर ने किया हैरान करने वाला खुलासा

UP Assembly Elections 2022: भीम आर्मी चीफ ने अकेले चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है. चन्द्रशेखर ने आजाद समाज पार्टी की पहली उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी कर दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2022 9:23 AM

UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख बेहद नजदीक आ चुकी है. वहीं तमाम पार्टियां अब अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर रही हैं. इस बीच कयास लगाए जा रहे थे कि आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं, पर ऐसा हो ना सका. वहीं अब भीम आर्मी चीफ ने अकेले चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है. चन्द्रशेखर ने आजाद समाज पार्टी की पहली उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी कर दी है.

चन्द्रशेखर से बात नहीं करती मायावती?

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (Bhim Army Chief Chandrashekhar) ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर अपने 33 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दिया है. वहीं इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनसे बसपा सुप्रीमो मायावती से गठबंधन की बात पूछी गयी तो उन्होंने हैरानी भरा जवाब दिया. बसपा से गठबंधन को लेकर पूछे गये एक पत्रकार के सवाल पर चन्द्रशेखर ने कहा कि मायवती बात नहीं करती, आप करा सकते हो तो बसपा सुप्रीमो से बात करा दो. चन्द्रशेखर ने आगे ये भी कहा कि मैं एकता चाहता था. बीजेपी को रोकने के लिए मैंने प्रयास किए. . गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन न होने पर चंद्रशेखर ने अखिलेश को दलित विरोधी बताया था.

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कई जिलों में परिणाम प्रभावित करने की क्षमता

दरअसल उत्तरप्रदेश में करीब 22 प्रतिशत दलित आबादी रहती है ये समुदाय पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर सीधा अपना प्रभाव रखते हैं. वैसे तो दलितों में जाटव, कोरी, पासी, धोबी, वाल्मीकि आदि हैं, पर इनकी 66 उप जातियां हैं. इनमें सबसे ज्यादा जाटव व अन्य 56 प्रतिशत हैं. पासी 16, धोबी, कोरी और वाल्मीकि 15 प्रतिशत, गोंड, धानुक, खटीक पांच प्रतिशत से ज्यादा हैं. आगरा, बिजनौर, सहारनपुर, गोरखपुर, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर में जाटव व अन्य का तगड़ा प्रभाव है, तो इसके अलावा हरदोई, रायबरेली, सीतापुर, इलाहाबाद क्षेत्र में पासी जाति का काफी प्रभाव है. सुल्तानपुर, बरेली, गाजियाबाद आदि जिलों में धोबी, कोरी, वाल्मीकि का प्रभाव है.

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