UP Vidhan Sabha Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में टिकट को लेकर उथल पुथल बनी हुई है. कानपुर की बिल्हौर विधानसभा से बीजेपी विधायक भगवती प्रसाद सागर ने टिकट कट जाने के अंदेशे को देखते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया. चर्चा है कि वह जल्द ही समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं. सपा के टिकट पर वह बिल्हौर, घाटमपुर या फिर मऊरानीपुर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ सकते हैं. वहीं, सूत्रों के मुताबिक यह भी जानकारी निकल कर सामने आ रही है कि इस बार भगवती प्रसाद सागर खुद चुनाव न लड़कर अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतार सकते हैं.
बिल्हौर सुरक्षित विधानसभा सीट है. यहां से 2017 में कमल खिलाने वाले भगवती प्रसाद सागर पार्टी की कार्यशैली से नाराज हो गए हैं. उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस्तीफा भेजा है उन्होंने लेटर देते हुए आरोप लगाया है कि भाजपा में संत गड़ागे को जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला. झांसी और गाजियाबाद में उनके स्मृति स्थलों के नाम तक बदल दिए गए.
Also Read: कानपुर कमिश्नर ने लिया VRS, फिर भी पद पर बरकरार, जानें कौन हैं असीम अरुण और कैसा रहा है अब तक का करियरभगवती प्रसाद सागर पहली बार 1996 में बिल्हौर विधानसभा से बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे. उन्हें मायावती सरकार में बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बनाया गया था. वर्ष 2002 में उन्होंने फिर से बिल्हौर से चुनाव लड़ा, लेकिन शिवकुमार बेरिया से हार गए. इसके बाद वह झांसी के मउरानीपुर चले गए और विधायक बने. भगवती प्रसाद सागर ने 2017 में बीजेपी के टिकट पर बिल्हौर की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और एक बार फिर जीत हासिल कर विधायक बने.
Also Read: UP Chunav 2022: कानपुर की महाराजपुर विधानसभा से बसपा ने घोषित किया उम्मीदवार, जानें किस पर लगाया दांवस्थानीय बीजेपी नेताओं का कहना है कि मंत्री पद का लालच और बेटे को विधानसभा चुनाव लड़ाने की लालसाएं भगवती प्रसाद सागर को पार्टी से नही जोड़ पाई.
Posted By: Achyut Kumar