UP Chunav 2022: यूपी का सबसे हॉट सीट बना CM योगी का गढ़, जानें यहां की चुनावी अंकगणित

UP Vidhan Sabha Chunav 2022: गोरखपुर सदर की सीट 1989 से अब तक हुए हर चुनाव में गोरखनाथ मठ के पास ही रही है. 1989 से 2017 तक हुए आठ विधानसभा चुनावों में से सात बार यह सीट भाजपा और एक बार हिंदू महासभा के पास रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 4, 2022 8:05 AM

UP Vidhan Sabha Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में आज सियासी पारा चढ़ने वाला है, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार यानी आज गोरखपुर सदर सीट से अपना नामांकन करेंगे. गोरखपुर (शहर) विधानसभा सीट यूपी के विधासभा चुनाव में सबसे हॉट सीट बन गई है. इस सीट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के खिलाफ भीम आर्मी के चीफ चन्द्रशोखर भी ताल ठोंक रहे हैं, जिससे यहां का मुकाबला काफी रोमांचक हो गया है. गोरखपुर सदर नाम से वजूद में रही इस सीट पर अबतक हुए 17 चुनावों में 10 बार जनसंघ, हिंदू महासभा और BJP का परचम लहरा चुका है.

गोरखपुर सीट पर मठ का रहा है दबदबा

गोरखपुर सदर की सीट 1989 से अब तक हुए हर चुनाव में गोरखनाथ मठ के पास ही रही है. 1989 से 2017 तक हुए आठ विधानसभा चुनावों में से सात बार यह सीट भाजपा और एक बार हिंदू महासभा के पास रही है. 1989 से 1996 तक लगातार चार बार जीतने वाले शिव प्रताप शुक्ल उसके बाद 2002 में हिंदू महासभा से जीतकर 2007 से लेकर 2017 तक भाजपा से लगातार जीतने वाले डॉ राधामोहन दास अग्रवाल को देखने से स्पष्ट है कि 1989 से गोरखनाथ मठ का राजनीतिक दखल इस सीट पर बना हुआ है. भाजपा योगी को गोरखपुर सदर सीट से लड़ा कर गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 सीटों को वापस अपने खेमे में लाने का प्रयास कर रही है.

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गोररखपुर सदर में जातियों का चुनावी अंकगणित

  • निषाद/केवट/ मल्लाह 40 हजार से अधिक

  • दलित 30 हजार (पासवान अिधक)

  • वैश्य 20-25 हजार (बनिया के अलावा जायसवाल भी)

  • ब्राह्मण 30 हजार से अधिक

  • राजपूत 30 हजार से अधिक

  • मुस्लिम 20-25 हजार

सीएम योगी के लिए परेशानी खड़ा करेंगे चन्द्रशेखर!

4 लाख से अधिक मतदाताओं वाली सीट है गोरखपुर सदर. सबसे अधिक संख्या में यहां कायस्थों के वोट हैं जो हर हाल में भाजपा को जाते हैं. बंगाली समुदाय के वोट भी हैं शहर सीट पर निर्णायक होते हैं. माना जाता है कि मल्लाह, ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ एवं बनिया समेत आधे से अधिक संख्या में दलितों का वोट योगी के खाते में ही जाने की उम्मीद है पर अगर निषाद/केवट/ मल्लाह और दलितों के वोट चन्द्रशेखर के तरफ गये तो मुकाबला रोमांचक हो सकता है.

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