22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP चुनाव का काशी कनेक्शन, बाबा के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए नेताओं में मची होड़, जानें क्या है महत्व

UP Chunav 2022: बाबा के दरबार में आशीर्वाद लिए किसी की नैया पार नही होने वाली. चाहे लोकप्रियता के रथ पर सवार मोदी हों या सबसे बुरे दौर में चल रहे राहुल गांधी सभी को अंतिम उम्मीद बाबा से है.

UP Chunav 2022: विधानसभा चुनाव में छठे चरण तक का मतदान पूर्ण हो चुका है. सातवें चरण का मतदान 7 मार्च को होगा . धर्म की नगरी काशी पीएम के संसदीय क्षेत्र होने की वजह से राजनीतिक परिदृश्य में काफ़ी लोकप्रिय हो चुका है. वाराणासी में वोटिंग 7 मार्च को अंतिम चरण के चुनाव में होना है. ऐसे में बाबा विश्वनाथ के दरबार में राजनेताओं का आना का क्रम शुरू हो चुका है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण के बाद से मन्दिर की भव्यता को चार चांद लगाने वाले पीएम मोदी के क्षेत्र में प्रत्येक राजनीतिक दलों के नेताओं बाबा दरबार में मत्था टेकने का सिलसिला शुरू हो चुका है.

कुछ दिन पूर्व पीएम मोदी जनसभा को संबोधित करने के पश्चात काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजरी लगाई. बीजेपी के अमित शाह ने भी बाबा दरबार में हाजरी लगाई थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बाबा विश्वनाथ दरबार में दर्शन के लिए हाजरी लगाई , आज सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी हाजरी बाबा विश्वनाथ के दरबार में लगायेगे, कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी बाबा दरबार में मत्था टेकने के बाद फूलपुर में जनसभा को संबोधित करेंगी.

बाबा दरबार में हाजरी लगाने में राजनाथ सिंह अपने पुत्र के साथ व साध्वी निरंजना, अश्विनी चौबे भी काशी विश्वनाथ दरबार में आ चुके हैं। मतलब ये की बिना बाबा दरबार में आशीर्वाद लिए किसी की नैया पार नही होने वाली. चाहे लोकप्रियता के रथ पर सवार मोदी हों या सबसे बुरे दौर में चल रहे राहुल गांधी सभी को अंतिम उम्मीद बाबा से है. विश्व कि सबसे प्राचीन नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के महत्त्व को अब हमारे राजनेतिक दल के नेता भी समझ चूंके हैं. पुराने रिकॉर्ड की अगर बात करे तो अपने समय में प्रतिभा पाटिल से लेकर महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी , प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक बाबा के दरबार में मत्था टेक चूंके हैं. पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने तो राष्ट्रपति बनने के पहले बाबा के दरबार में अनुष्ठान तक करवाया था.

यूपीए -2 की सरकार बनने से पहले मनमोहन सिंह सपरिवार बाबा का जलाभिषेक किया और बाबा ने इनकी मनोकामना पूरी भी की. 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने बनारस के प्रति अपना लगाव प्रकट करते हुए काशी विश्वनाथ और माँ गंगा के चरणों में आशीर्वाद लेते हुए इसे ही अपनी राजनीतिक कर्मभूमि बनाई और यहाँ से सांसद बने. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पीएम मोदी ने दुबारा काशी विश्वनाथ से आशीर्वाद लेकर दूसरे बार पीएम पद का सेहरा अपने सर पर सजाया. बीजेपी के लीडरों का काशी विश्वनाथ मंदिर में लगातार आना लगा रहता है. पीएम मोदी का बाबा विश्वनाथ के प्रति आस्था ही थी कि बीजेपी कार्यकाल में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का भव्य निर्माण हो पाया.

यही नहीं इस विधानसभा चुनाव के पहले भी 2017 के विधानसभा चुनाव के वक्त योगी आदित्यनाथ ने भी बाबा दरबार में आकर आशीर्वाद लेते हुए यूपी सीएम पद की शपथ ग्रहण की. एकबार फिर से योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी के तमामं लीडर काशी विश्वनाथ के चरणों में सर झुकाने के लिए लगातार आ रहे हैं. विपक्ष में भी प्रियंका गांधी समेत , सपा के क़ई लीडर यहाँ दर्शन पूजन के लिए आ चुके है. आज कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी काशी विश्वनाथ के दर्शनों पूजन करेंगे.

चुनावी मौसम आते ही इस तरह राजनेतिक पार्टियों के नेताओं का बाबा विश्वनाथ मंदिर में आना कोई धार्मिक रुझान नहीं हैं. काशी में विश्वनाथ के दर्शन का जितना धार्मिक महत्त्व हैं उतना ही महत्व इन राजनीतिक दलों के लिए वोट बैंक की दृष्टि से हैं. जहां इनके दर्शन से आस्था तो मिलता हैं तो वहीं वोट बैंक को जुटाने में भी काफी हद तक सहायक होता हैं. बाबा के दरबार में हमेशा से ही राजनीतिक नेताओं ने हाजिरी भरी हैं फिर चाहे वो आस्था हो या चुनावी समीकरण ,वजह चाहे जो भी हो ये तो स्पष्ट हैं कि राजनेतिक दलों कि डूबती नैया को बाबा विश्वनाथ ने हमेशा पार लगाया है.

रिपोर्ट – विपिन सिंह

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें