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UP Chunav 2022: अलीगढ़ में आज सपा-रालोद गठबंधन की रैली, अखिलेश-जयंत देंगे बीजेपी को चुनौती?

समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन की आज अलीगढ़ में संयुक्त रैली होने जा रही है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी की यह रैली इगलास में होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2021 11:08 AM
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Aligarh News: समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के गठबंधन की रैली आज अलीगढ़ में होने जा रही है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी एक बार फिर इगलास में मंच साझा करेंगे. इगलास जाटलैंड की मजबूत विधानसभा सीट मानी जाती है. पीएम मोदी भी 3 महीने पहले यहां जनसभा कर चुके हैं.

इगलास में आज सपा-रालोद की संयुक्त रैली

चौधरी चरण सिंह की जयंती पर किसान दिवस के उपलक्ष्य में सपा और रालोद किसान दिवस समारोह मनाएगा. इनकी संयुक्त रैली आज अलीगढ़ स्थित इगलास के मंडी रोड स्थित मैदान में प्रात 11 बजे से है. रैली में शामिल होने अखिलेश यादव और जयंत चौधरी आ रहे हैं. पहले जयंत चौधरी, फिर अध्यक्ष अखिलेश यादव पहुंचेंगे. अखिलेश और जयंत निजी हेलीकॉप्टरों से यहां कार्यक्रम स्थल पहुंचेंगे. रैली 140 बीघा के मैदान में होगी. मंच पर सपा के 35 और रालोद के 35 नेता बैठेंगे.

रैली में लाखों समर्थकों के पहुंचने की संभावना

इसमें राष्ट्रीय, प्रदेश, जिला स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित पूर्व जनप्रतिनिधि रहेंगे. मिली जानकारी के अनुसार आज की रैली में सपा और रालोद के लाखों समर्थकों के पहुंचने की संभावना है.

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शक्ति प्रदर्शन और दावेदारों की अग्नि परीक्षा

रैली में जहां एक और सपा और रालोद की शक्ति प्रदर्शन होगा, वहीं दूसरी और इगलास विधानसभा से टिकट के दावेदारों के लिए यह रैली अग्निपरीक्षा है.रैली को सफल बनाने के लिए दोनों पार्टियों के पदाधिकारियों ने जमकर जनसंपर्क किया है. इगलास विधानसभा सीट पर 3 महीने पहले पीएम मोदी भी जनसभा कर चुके हैं. गठबंधन यहां जीत दर्ज करने के लिए पूरी तैयारियों में जुटा हुआ है.

क्या बीजेपी को गठबंधन देगा चुनौती

इससे पहले मेरठ में आयोजित गठबंधन की पहली रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में बदलाव का आगाज हो चुका है. दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था, लेकिन परिणाम अनुमान के बिल्कुल विपरीत आए, और अखिलेश को सत्ता से बाहर होना पड़ा था, यही कारण है कि इस बार अखिलेश बड़े दलों की जगह छोटे-छोटे दलों के साथ गठबंधन कर रहे हैं. अब देखने वाली बात होती कि अखिलेश यादव इन दलों के साथ बीजेपी को चुनौती दे पाते हैं या नहीं

रिपोर्ट- चमन शर्मा

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