UP Chunav 2022: वाराणासी में विधानसभा चुनाव को लेकर बड़े दलों के प्रत्याशियों का नामांकन हो चुका है, अलग अलग भेष भूषा में नामांकन कराने आये प्रत्याशियों के बाद अब चुनाव प्रचारको की अनोखी भेषभूषा भी लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. ऐसे ही एक अनोखे प्रचारक कार्यकर्ता दिखे जिनके सर पर मोरपंखी का मुकुट रखा हुआ था. खुद को पिछड़े वर्गों का समर्थक बताते हुए ये सपा दल के प्रचार प्रसार के लिए यहाँ आये हैं. पिछले 40 सालों से सर पर यह मुकुट धारण कर ये कार्यकर्ता लालू प्रसाद यादव को अपना राजनीतिक गुरु मानता है.
वासुदेव ने कहा कि लालू यादव के आदेशानुसार अबतक क़ई चुनावों में देश के अलग अलग राज्यो में प्रचार प्रसार करने जा चुके हैं. इसबार वाराणसी विधानसभा चुनाव में ये कार्यकर्ताओं के बीच उपस्थित हुए है. अपने अनोखे भेषभूषा की वजह से ये सभी के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं. इस अनोखे कार्यकर्ता ने अपना नाम वासुदेव बताते हुए कहा कि उसका नाम परिवर्तन उसके गुरु ने मुकुट बिहारी नाम से कर दिया है. हमारी तपोस्थली है संत चतुरानन्द ब्रह्मचारी संस्थान रंगिलेदास पोखरा तिरुवपुर में जहाँ मैं पिछले 40 साल से रह रहा हूँ वही से मुझे मेरे सिर पर लगे ये मोरपंख मुकुट प्राप्त हुए है.
Also Read: UP Chunav 2022: यूपी चुनाव में नहीं दिख रहा ग्लैमर का तड़का, इस बार मायानगरी के सितारों ने बनाई दूरी
तभी से मैं ये अपने सर पर धारण किये हुए हूं. आज चुनावी माहौल में अपने इस अनोखे भेष भूषा को धारण कर मैं पिछडो का ही समर्थन करता आया हूँ जिसमे लालू प्रसाद यादव हमारे राजनीतिक गुरु है. उनका आदेश है कि सपा का समर्थन करे हम, तो उसी आदेशानुसार हम सपा और पिछड़े वर्ग के साथ लगे हुवे है. अन्य पिछड़े वर्गों की भी हम सहायता करते हैं. हमारी भेष भूषा को लेकर सवाल करने वाले से हम प्रेम से बात करते हैं क्रोध खत्म कर के संत भाषा में जवाब देते हैं. वाराणासी विधानसभा चुनाव में प्रचार से आने के पहले बिहार, झारखंड, रांची, झांसी, महोबा जैसे जगहों पर भी प्रचार किया हूं.
रिपोर्ट – विपिन सिंह