UP Election 2022: त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गये ओपी राजभर! भाजपा से ज्यादा बसपा ने बढ़ायी मुश्किलें
UP Election 2022: फातिमा 2012 में विधायक और सपा सरकार में मंत्री रह चुकी हैं, बसपा उम्मीदवार कालीचरण राजभर 2 बार बसपा विधायक रह चुके. कालीचरण राजभर इस बार बीजेपी से चुनाव मैदान में हैं.
UP Election 2022: गाज़ीपुर की जहूराबाद सीट पर सुभासपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, बीजेपी के उम्मीदवार कालीचरण राजभर और बीएसपी की सैयदा शादाब फातिमा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. अखिलेश यादव के आने के बाद भी ओपी राजभर का माहौल बनता नही दिखाई दे रहा है.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को पूर्वी उत्तर प्रदेश की जहूराबाद विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. इस सीट पर ओपी राजभर, बीजेपी के उम्मीदवार कालीचरण राजभर और बीएसपी की सैयदा शादाब फातिमा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. इस मुकाबले को दिलचस्प बनाने वाली बात यह है कि गाजीपुर जिले के इस विधानसभा क्षेत्र में तीनों उम्मीदवार अनुभवी हैं,जहूराबाद सीट से मौजूदा विधायक ओम प्रकाश राजभर, जो 2017 में बीजेपी के सहयोगी थे और योगी सरकार में मंत्री थे, अब समाजवादी पार्टी गठबंधन में है.
फातिमा 2012 में विधायक और सपा सरकार में मंत्री रह चुकी हैं, बसपा उम्मीदवार कालीचरण राजभर 2 बार बसपा विधायक रह चुके. कालीचरण राजभर इस बार बीजेपी से चुनाव मैदान में हैं. राजभर बनाम राजभर काफी मुश्किल मुकाबला था, लेकिन फातिमा के चुनाव मैदान में उतरने से इस मुकाबले को और भी दिलचस्प बना दिया है.
जहूराबाद सीट पर सुभासपा
राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, बीजेपी के उम्मीदवार कालीचरण राजभर और बीएसपी की सैयदा शादाब फातिमा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. फातिमा शिवपाल यादव साथ प्रगतिशील समाजवादी पार्टी में शामिल हो गई थी, लेकिन जब शिवपाल ने अखिलेश यादव के साथ समझौता किया. तो वह यहां से टिकट हासिल नहीं कर सकीं क्योंकि सुभासपा ने सपा के साथ गठबंधन में सीट राजभर को मिली.
फ़ातिमा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के बारे में भी सोचा, आखिर वह बीएसपी की उम्मीदवार बनने में कामयाब रही. हालांकि, क्षेत्र के लोगों का मानना है कि मुकाबला कड़ा है एक चाय की दुकान पर देवीदीन रावत ने कहा कि वह फातिमा के विकास कार्यों के कारण उनका समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हर व्यक्ति कहता है कि उनकी पार्टी जीत रही है, मुकाबला कड़ा है 7 मार्च को मतदान होगा और 10 मार्च को पता चलेगा जनता ने किसको आशीर्वाद दिया.