UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के आगाज होने में अब बस दो दिनों का ही समय बचा है. 10 फरवरी को प्रदेश में पहले चरण का मतदान होना है, वहीं आज पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार का शोर भी थम जाएगा. पहले चरण में पश्चिमी यूपी के कुल 58 सीटों पर मतदान होना है, जहां पिछले चुनाव में भाजपा ने बंपर जीत हासिल की थी. वहीं भारतीय जनता पार्टी के लिए 2022 का विधानसभा चुनाव के शुरुआती चरण इस बार चुनौतियों से भरा हुआ है. सबसे बड़ी चुनौती तो इस बार की यही है कि इस बार पिछले चुनाव के जैसे प्रदर्शन इस बार फिर से दोहराना है.
बता दें कि भाजपा साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इन 58 सीटों में से 53 सीटें अपने नाम की थी. अलीगढ़ सहित 11 जिलों की 58 में 53 सीटों पर 2017 में भाजपा को एतिहासिक सफलता मिली थी. जबकि बसपा और सपा को दो-दो और रालोद को एक सीट मिली थी. ऐसे में इस बार भाजपा के लिए पुराना प्रदर्शन दोहराना एक बड़ी चुनौती है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आगरा की बात करें तो ये पहले चरण में सबसे ज्यादा सीटों वाला जिला है. यहां नौ विधानसभा सीटें हैं. सभी भाजपा को मिली थीं. मथुरा में पांच सीट हैं, जिनमें चार भाजपा और एक बसपा को मिली थी. बीजेपी ने बुलंदशहर की सभी सातों सीटों पर कब्जा जमाया था. नोएडा की सभी तीन और गाजियाबाद की सभी पांच सीट भी बीजेपी के खाते में गई थी.
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बता दें कि साल 2017 में मोदी लहर पर सवार भाजपा ने आगरा से लेकर बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद तक क्लीन स्वीप किया था. 2022 में माहौल अलग है. ऐसे में सीटों को बचाए रखने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है. पश्चिम में हो रहे पहले चरण के मतदान का असर आगे पूरबी क्षेत्रों के मतदान पर भी पड़ेगा. कहते हैं कि यूपी में जिसने पश्चिम जीत ली सरकार उसी की बनती है. वहीं पश्चिम यूपी में भाजपा के सामने इस बार आरएलडी और सपा की जोड़ी है. आरएलडी को अपने गढ़ में किसान आंदोलन से काफी फायदा भी मिल सकता है.