अलीगढ़: भाजपा के दिग्गज नेताओं की दांव पर लगी साख, मेयर प्रत्याशी की हार-जीत पर है निगाह
अलीगढ़ मेयर सीट के साथ ही 17 निकायों में भाजपा प्रत्याशी की हार जीत को लेकर बड़े मायने निकाले जाएंगे. इस बार मेयर के चुनाव में वोटिंग परसेंटेज गिरा है. पिछले मेयर चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद फुरकान ने जीत हासिल की थी.
अलीगढ़ः भाजपा मेयर प्रत्याशी 2017 में बहुजन समाज पार्टी से हार चुकी है. लेकिन 2023 में मेयर के चुनाव में भाजपा के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. अगर भाजपा के प्रत्याशी की हार होती है तो दिग्गज नेताओं का कद घट सकता है. हालांकि 2024 में लोकसभा का चुनाव भी है. जिस पर प्रदेश के नेताओं की नजर बनी हुई है. नगर निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के साथ 1 गज नेताओं ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया . लेकिन मतदान कम होने से सवाल उठने लगे हैं.
अलीगढ़ में कांग्रेस ने ब्राह्मण उम्मीदवार को उतारा
अलीगढ़ मेयर सीट के साथ ही 17 निकायों में भाजपा प्रत्याशी की हार जीत को लेकर बड़े मायने निकाले जाएंगे. इस बार मेयर के चुनाव में वोटिंग परसेंटेज गिरा है. 2017 में 49.53 फ़ीसदी मतदान हुआ. लेकिन इस बार 45.25 फ़ीसदी ही मतदान हुआ. पिछले मेयर चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद फुरकान ने जीत हासिल की थी. पिछले मेयर चुनाव की तरह ही इस बार भी प्रत्याशियों का समीकरण एक जैसा ही दिख रहा है. सपा और बसपा प्रत्याशी ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारा है तो कांग्रेस ने ब्राह्मण उम्मीदवार उतारा. आम आदमी पार्टी ने लोधी समाज को चुनाव लड़ाया.
शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत अच्छा रहा. हर निकाय क्षेत्र में भाजपा के दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है. अलीगढ़ नगर निगम में महापौर की सीट भाजपा के लिए नाक का सवाल बनी है . 2017 में भाजपा के विजय रथ को बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद फुरकान ने रोक दिया था. इस बार मेयर चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने पूरी ताकत झोंक दी. भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में मुख्यमंत्री तो वही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, योगी सरकार के मंत्री असीम अरुण, पूर्व कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी स्टार प्रचारक के रूप में अलीगढ़ पहुंचे. लेकिन गुरुवार को वोटिंग के बाद जो मतदान प्रतिशत आया. उससे भाजपा की चिंताएं बढ़ गई है. भाजपा के लिए अलीगढ़ मेयर सीट पर हार और जीत के बड़े मायने निकलेंगे.
मेयर चुनाव में अलीगढ़ से भाजपा सांसद सतीश गौतम, हाथरस सांसद राजवीर दिलेर, एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया, अतरौली विधायक और बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, खैर विधायक व राजस्व मंत्री अनूप प्रधान की भूमिका मेयर और नगर पालिका के चुनाव में अहम थी.
अलीगढ़ निकाय चुनाव में भाजपा की अहम भूमिका
इसके साथ ही कोल विधायक अनिल पाराशर, अलीगढ़ शहर विधायक मुक्त राजा, छर्रा विधायक रविंद्र पाल सिंह, बरौली विधायक ठाकुर जयवीर सिंह, इगलास विधायक राजकुमार सहयोगी, बरौली विधायक ठाकुर जयवीर सिंह, छर्रा विधायक रविंद्र पाल सिंह, शिक्षक एमएलसी मानवेंद्र प्रताप सिंह, एमएलसी ऋषि पाल सिंह और हाल ही में मनोनीत एमएलसी डॉ तारिक़ मंसूर ने अलीगढ़ निकाय चुनाव में भाजपा के लिए यह अहम भूमिका में रहे.
13 तारीख को आएगा परिणाम
इस तरह देखा जाए तो तीन सांसद, दो मंत्री , सात भाजपा विधायक, तीन एमएलसी की टीम भाजपा के लिए वोट डलवाने के लिए चुनाव प्रचार में दिखे. 13 तारीख को भाजपा के इन दिग्गज नेताओं की मेहनत का परिणाम सामने आएगा. साथ ही इन दिग्गज नेताओं के आगे की राजनीतिक परिदृश्य भी दिखेगा. भाजपा के मेयर प्रत्याशी की हार या जीत के बाद भाजपा के सियासी धुरंधरों का भविष्य भी तय होगा.