UP Election 2022: युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही बीजेपी- कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत

UP Election 2022: राजबब्बर के पार्टी छोड़कर जाने की बात पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जो पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, उन पर टिप्पणी नही करूंगी. हम लोग जिस तरह की लड़ाई लड़ रहे हैं, ये लड़ाई बेहद मुश्किल है क्योंकि हम एक दम्भ अहंकारी सरकार से लड़ रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 28, 2022 4:37 PM
an image

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपनी खोयी हुई सियासी जमीन को तलाश रही हैं. इसी क्रम में पार्टी की ओर से राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत मैदागिन स्थित कांग्रेस कार्यालय पहुंचीं, जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत में बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी सेना, किसानों और रेलवे अभ्यर्थियों के नाम पर राजनीति कर रही है. युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

‘वन रैंक, वन पेंशन’ को बीजेपी सरकार ने किया बंद

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस ने 1 अप्रैल 2014 को वन रैंक वन पेंशन को मंजूरी दी थी. इसमें तय किया गया था कि एक समान समय तक सेवा करने के बाद एक ही रैंक से रिटायर होने वाले सभी अधिकारियों व सैनिकों को एक समान पेंशन दी जाएगी. भले ही उनका रिटायरमेंट अलग-अलग तारीखों पर हो. कांग्रेस सरकार के इस आदेश को नकारते हुए मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद 17 नवम्बर 2015 को एक नया आदेश निकालते हुए कहा कि 1 जुलाई 2014 के बाद स्वैछिक सेवानिवृत्त पाने वाले कर्मचारियों को वन रैंक वन पेंशन नहीं मिलेगा. सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी सरकार को अर्धसत्य, बहकाने व बरगलाने वाली सरकार कहकर आरोपित किया.

Also Read: कांग्रेस की फराह नईम ने टिकट मिलने के बाद भी किया चुनाव न लड़ने का फैसला, पार्टी नेता पर लगाए गंभीर आरोप
‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ उत्तर प्रदेश की आधी आबादी का नारा

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ ये जो नारा है, यह दलगत राजनीति ओछी छोटी मानसिकता का नारा नहीं है. जो लोग ऐसा कहते हैं, उनको बताना चाहती हूं कि ये उत्तर प्रदेश की आधी आबादी का नारा है. उन लड़कियों के लिए नारा है, जिनको रोजगार, शिक्षा, सम्मान, स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलती हैं. ये उन लड़कियों का नारा है, जिनके साथ अपराध हो जाता है, मगर उनकी एफआईआर नहीं दर्ज होती. किंतु अपराधी की हो जाती है. हमने 40 % टिकट महिलाओं को देने का बहुत क्रांतिकारी कदम उठाया है. हमने सिर्फ जुबानी बातें नहीं की. हमने 40 % महिलाओं को टिकट दिए भी हैं. इसलिए हमारी पार्टी से कोई महिलाएं नाराज नहीं चल रही हैं.

Also Read: RRB-NTPC Protest: वाराणसी में कांग्रेस नेताओं के घर पुलिस का पहरा, बोले- जब मांगी तब नहीं मिली सुरक्षा
कांग्रेस छोड़कर जाने वालों पर कोई टिप्पणी नहीं

राजबब्बर के पार्टी छोड़कर जाने की बात पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जो पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, उन पर टिप्पणी नही करूंगी. हम लोग जिस तरह की लड़ाई लड़ रहे हैं, ये लड़ाई बेहद मुश्किल है क्योंकि हम एक दम्भ अहंकारी सरकार से लड़ रहे हैं. हम सरकार के संसाधनों के दुरुपयोग से लड़ रहे हैं. मेरा मानना है कि ये लड़ाई हम पूरे कमिटमेंट -शिद्दत व ईमानदारी से लड़ सकते हैं. अजय राय के घर पर सुबह पुलिस आकर बैठ गई कि ये घर से बाहर नहीं निकलेंगे. क्यों नही निकलेंगे? ये चुनाव लड़ रहे हैं. घर पर बैठ क्यों जाएंगे. इसलिए यह लड़ाई पूरी ईमानदारी व साहस से लड़ने वाली है.

बीजेपी विरोध करने वालों को मार्गदर्शन मंडल में बैठा देती है

कांग्रेस से टिकट न मिलने वाले उम्मीदवारों की नाराजगी पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हमारे हर सीट पर एक से ज्यादा दावेदार हैं, इसलिए एक पक्ष खुश होगा, एक नाराज होगा. मगर हमारे विरोधी भी हमारे साथ ही चलेंगे. जबकि बीजेपी अपने विरोध करने वालों को मार्गदर्शन मण्डल में बैठा देती है. रेल रोको आंदोलन को कांग्रेस पार्टी अपना शांतिपूर्ण समर्थन देती है क्योंकि 2019 में जब बेरोजगारी अपने चरम सीमा पर थी, तब मोदी सरकार ने एक जुमला फेंका कि रेलवे में भर्ती होगी. मगर तीन साल हो गए, सवा करोड़ बच्चों ने आवेदन किया, आज भी नियुक्ति नहीं हुई है. उनकी पीड़ा सरकार नहीं समझ रही. सरकार भर्ती कैंसिल करने की बात कर रही है. हम लोग महात्मा गांधी की अनुनायी हैं. हम हिंसा पर विश्वास नहीं करते हैं इसलिए हम युवाओ से आह्वाहन करते हैं कि ये जंग आप शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर के जीतिए.

सेना मे ंतीन साल से नहीं निकली कोई भर्ती

बॉक्सर रहे विजेंद्र सिंह ने कहा कि सेना में तीन साल से भर्ती नहीं निकली है. एक लाख से ज्यादा भर्तियां नहीं की गयी. कैंटीन के सामानों पर जीएसटी लगा दिया गया. मैंने किसान आंदलोन में अपने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार लौटाने को कहा था. भगत सिंह की एक लाइन थी कि गूंगों बहरों की सरकार हो तो धमाका होना चाहिए. मेरी सोच कांग्रेस के साथ जुड़ी है. किसानों का दर्द मैंने बांटा. तीनों काले कानून को वापस लेना पड़ा और हमारी जीत हुई. मैंने दुनिया देखा है, कहीं हिंसा से समाधान नहीं होता है.

रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी

Exit mobile version