गोरखपुर में पड़ रही भीषण गर्मी ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. पड़ रही गर्मी ने पिछले 8 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है. जून माह के पहले 12 में से 8 दिन हीट वेव की चपेट में रहे हैं. इनमें 7 दिन लगातार हीट वेव का आंकड़ा रिकॉर्ड किया गया है. यानी 8 दिन का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार तो रहा ही है. औसत अधिकतम तापमान से साढ़े चार डिग्री सेल्सियस ऊपर रहा है. जून का औसत तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस निर्धारित है. मौसम विभाग 40 डिग्री के के पार पारा रहने पर इसे हीट वेव मानता है. मौसम विभाग के अनुसार ये हीट वेव का मानक है.
इस तरह की गर्मी 2015 के बाद पड़ी है. जिससे लोग इस भीषण गर्मी से परेशान है. मौसम विज्ञानी की माने तो वर्ष 2015 में पहले 12 दिन में 11 दिन हीट वेव की स्थिति रही थी. इस वर्ष 6 से 12 जून यानी लगातार सात दिन तक शहर की अधिकतम तापमान का आंकड़ा हीटवेव की मांग को पूरा करने वाला रहा है. इसके अलावा 4 जून को भी अधिकतम तापमान हीटवेव के दायरे में रहा था. मौसम विज्ञानी के अनुसार अभी अगले 2 दिन का तापमान भी हीट वेव के मानक पर खरा उतरने का पूर्वानुमान है.
मौसम विज्ञानी कैलाश पांडे ने बताया कि जून के पहले 12 दिन में यह गर्मी वर्ष 2015 के बाद पड़ी है. 2015 में 12 में से 11 दिन हीट वेव वाले रहे थे. उसके बाद किसी भी साल जून के पहले 12 दिन का आंकड़ा 2023 के आंकड़े के करीब भी नहीं पहुंच सका था. इसमें 4 वर्ष ऐसे हैं जिनमें जून के पहले 12 दिन में एक भी हीट वेव वाला दिन नहीं रहा है. वर्ष 2016 वर्ष 2020 वर्ष 2021 और वर्ष 2022 में नागरिकों को यह सिटी नहीं झेलनी पड़ी थी.
Also Read: वाराणसी में 1.40 करोड़ रुपये की डकैती के मामले में ऐक्शन, इंस्पेक्टर समेत सात पुलिसकर्मी बर्खास्त
ऐसे में अभी इस वर्ष लोगों को गर्मी झेलने के लिए तैयार रहना होगा. मौसम विज्ञानी इसकी वजह जलवायु परिवर्तन के चलते ग्लोबल वार्मिंग बता रहे हैं. ऐसे में भीषण गर्मी की दिनों का बढ़ना स्वाभाविक है. गर्मी से बचने के लिए लोग घरों से दोपहर में कम निकल रहे हैं. लोग एसी, कूलर, पंखे का सहारा ले रहे हैं. जो लोग घरों से दोपहर में बाहर निकल रहे हैं. वह ठंडे पेय पदार्थ के साथ-साथ गर्मी से बचने के उपाय कर रहे हैं.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप,गोरखपुर