कानपुरः आईआईटी (IIT) एससी व एसटी छात्र-छात्राओं को रियल टाइम साइबर सुरक्षा की तकनीक सिखाएगा. यह प्रशिक्षण निशुल्क है. सी3आई हब की ओर से आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ नोएडा स्थित आउटरीच सेंटर में किया गया. C3iHub ने NM-ICPS मिशन के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सहयोग से अपने इनक्यूबेटेड स्टार्टअप थ्रेट गार्जियन्स प्राइवेट लिमिटेड और वर्कर्स यूनियन सपोर्ट के साथ आधिकारिक तौर पर अपना साइबर सुरक्षा कौशल कार्यक्रम शुरू किया.
कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षार्थियों को साइबरस्पेस और साइबर मुद्दों की तकनीकी बुनियादी बातों की गहरी समझ प्रदान करना है. रीयल-टाइम साइबर सुरक्षा तकनीकों और विधियों को पेश करना और सुरक्षा लागू करने के लिए मॉडल, उपकरण और तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करना है. कार्यक्रम का शुभारंभ नोएडा में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने किया.
सुरक्षा तकनीक में अभ्यर्थियों को सिस्टम सुरक्षा, मैलवेयर विश्लेषण, नेटवर्क सुरक्षा, क्रिप्टोग्राफी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स सुरक्षा के बारे में जानकारी दी जाएगी. एससी व एसटी कैटेगरी के अभ्यर्थी 30 अप्रैल तक अपना आवेदन कर सकते हैं. यह आवेदन निशुल्क होंगे.
विजय सांपला ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में योगदान और साइबर सुरक्षा क्षेत्र में छात्रों को प्रशिक्षित और सशक्त बनाने के प्रयासों के लिए C3iHub की सराहना की और भारत के राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में भी चर्चा की.उन्होंने ने कहा कि इन दिनों साइबर क्राइम एक सबसे बड़ी समस्या है. जिसका हम सामना कर रहे हैं और C3iHub सुरक्षित साइबर दुनिया सुनिश्चित करने के लिए अपनी भूमिका बहुत अच्छी तरह निभा रहा है.
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सी3आई हब के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रो मनिंद्र अग्रवाल ने कहा कि छात्रों को बुनियादी स्तर से साइबर सुरक्षा के उन्नत स्तर तक सीखने में मदद करेगा. जो उन्हें भविष्य के लिए तैयार करेगा. यह कार्यक्रम C3iHub इनक्यूबेटेड स्टार्ट-अप्स, थ्रेट गार्डियंस प्राइवेट लिमिटेड और W.U.S के सहयोग से चलाया जा रहा है. कार्यक्रम अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए नि:शुल्क है और गैर-अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए मामूली शुल्क है.प्रवेश की समय सीमा 30 अप्रैल तक है.साइबर सुरक्षा कौशल कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा, जिससे यह देश में कहीं से भी शिक्षार्थियों के लिए सुलभ होगा.
रिपोर्टः आयुष तिवारी