UP MLC Election: वोटिंग से पहले ही पूर्वांचल की इन सीटों पर BJP का कब्जा, सपा उम्मीदवारों ने छोड़ा मैदान
UP MLC Election 2022: विधान परिषद सदस्य (स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र) के चुनाव के लिए गाजीपुर में चार प्रत्याशियों ने नामांकन किया था. नाम वापसी के तहत बुधवार को दो उम्मीदवारों की तरफ से पर्चा वापस ले लिया गया.
UP MLC Election 2022: यूपी एमएलसी चुनाव में पूर्वांचल के इन सीटों पर बीजेपी का जितना तय हो गया है. सीटों को लेकर मुकाबला रोचक होता जा रहा है. बुधवार को सपा के दो प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लेने से बीजेपी के जितने की राह आसान कर दी. पहले मिर्जापुर से सपा प्रत्याशी रमेश सिंह यादव व बाद में गाजीपुर से सपा के प्रत्याशी भोला सिंह यादव ने पर्चा वापस ले लिया. ऐसे में मतदान से पहले ही कई सीटों पर भाजपा का जीतना तय हो गया है.
विधान परिषद सदस्य (स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र) के चुनाव के लिए गाजीपुर में चार प्रत्याशियों ने नामांकन किया था. नाम वापसी के तहत बुधवार को दो उम्मीदवारों की तरफ से पर्चा वापस ले लिया गया. इससे भाजपा के प्रत्याशी पूर्व एमएलसी विशाल सिंह चंचल के सामने अब निर्दल मदन सिंह ही एकमात्र टक्कर देने के लिए खड़े हैं. नाम वापस लेने वाले प्रत्याशियों में सपा प्रत्याशी भोलानाथ शुक्ला एवं निर्दल देवेंद्र शामिल हैं.
गाजीपुर उप जिला निर्वाचन अधिकारी एके सिंह ने बताया कि अब दो प्रत्याशी ही मैदान में हैं. इनमें भाजपा के विशाल सिंह चंचल एवं निर्दल मदन सिंह शामिल हैं. पिछली बार चंचल निर्दल मैदान में थे. इस बार इन्हें भाजपा से प्रत्याशी बनाया गया. गाजीपुर में विधानसभा चुनाव में सातों सीट पर सपा का कब्जा होने से एमएलसी चुनाव बहुत कांटे का हो गया था. पिछले साल हुए ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत चुनाव में भाजपा का दबदबा रहा. लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा को निराशा मिली. इस लिहाजे से यह माना जा रहा था कि बीजेपी की राह मुश्किल है. लेकिन सपा प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने के बाद अब बीजेपी जीत के करीब दिख रही हैं.
वही दुसरी तरफ़ मिर्जापुर से सपा प्रत्याशी रमेश सिंह यादव ने बुधवार को अचानक अपना पर्चा वापस ले लिया है. सपा प्रत्याशी के नाम वापस लेने से भाजपा प्रत्याशी विनीत सिंह का निर्विरोध जितना तय हो गया है. उनके पर्चा वापस लेने की खबर मिलते ही समाजवादी पार्टी नेताओं में खलबली मच गई है. सपा जिलाध्यक्ष ने भाजपा पर दबाव देकर पर्चा वापस कराने का आरोप लगाया है.