UP-MP-बिहार में वायरल फीवर से मचा हाहाकार, अस्पताल के जमीन पर इलाज करवाने को मजबूर मरीज
उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार और मध्यप्रदेश में वायरल फीवर का कहर देखने को मिल रहा है. इस बीमारी के लगातार बढ़ने से लोग अस्पताल के जमीन पर इलाज करवाने को मजबूर हैं.
Dengue and Viral Fever in UP, MP, Bihar: उत्तर प्रदेश में वायरल फीवर और डेंगू के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. स्थिति इतनी भयानक हो चुकी है कि अस्पताल में मरीज जमीन पर लेटकर इसलाज करवाने को मजबूर हैं. प्रदेश में अब तक इस बीमारी से 90लोगों की मौत हो चुकी है. अब यह बुखार अन्य राज्यों में भी अपने पैर पसार रहा है.
यूपी के बाद अब मध्य प्रदेश और बिहार भी इसकी चपेट में आ रहा है. बिहार में मरीजों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि अस्पताल फुल हो गए है, जिसके बाद एक बेड पर दो बच्चों का इलाज हो रहा है. वहीं एमपी के ग्वालियर में भी ये वायरस तेजी से फैल रहा है.
यूपी में वायरल फीवर का कहर
उत्तर प्रदेश में हालात खराब होते जा रहे है. यहां अब तक 90 लोगों ने इस बीमारी से अपनी जान गवाई है. फिरोजाबाद में इस फीवर का व्यापक असर देखा जा रहा है. सिर्फ फरोजाबाद में वायरल फीवर से 55 लोगों की मौत हो चुकी है. समें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं. बता दें कि यूपी के कासगंज, एटा, मथुरा, फिरोज़ाबाद, मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी और फर्रुखाबाद में बुखार के मरीजों का बुरा हाल है.
बिहार में भी रहस्यमयी बुखार का दिख रहा कहर
यूपी के बाद बिहार में भी रहस्यमयी बुखार ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. बिहार के आरा, पटना सिटी में यह मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पटना सिटी में 84 बेड पर 87 मरीज भर्ती हैं. एक बेड पर दो दो मरीजों का इलाज चल रहा है. वहीं आरा में 10 से 15 बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं. इन बच्चों में बुखार, खांसी, सर्दी के लक्षण ज्यादा है. ये मौसम में बदलाव के चलते हो सकता है.
मध्य प्रदेश में भी वायरल फीवर का कहर
वायरल फीवर का कहर मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है. ग्वालियर और मालवा जिले में वायरल फीवर की वजह से करीब 30 बच्चें जयारोग्य अस्पताल में भर्ती हैं. भर्ती मरीजों में बुखार सर्दी खांसी और बदन दर्द को लेकर तकलीफ से बढ़ती जा रही है, हालात ये हैं कि शासकीय अस्पताल हो या निजी अस्पताल मरीजों की भरमार दिखाई दे रही है.
जमीन पर लेटकर इलाज करवाने को मजबूर मरीज
एक सात बड़ी तादाद में मरीजों के आने से अस्पताल फुल हो गए हैं. जिसके बाद आलम यह है कि मरीज जमीन पर इलाज करवाने को मजबूर है. कई अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाई गई थी, लेकिन मरीजों की संख्या बढ़ने से ये भी कम पड़ रहे हैं. कई तो झोलाछाप डॉक्टरों की चपेट में आकर भी अपनी जान गवा रहे हैं.
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Posted By Ashish Lata