आगरा. आगरा में गुरुवार शाम को नगर निकाय चुनाव के प्रथम चरण का मतदान समाप्त हो गया. पिछली बार की अपेक्षा इस बार आगरा में मतदान का प्रतिशत करीब 3 फ़ीसदी कम रहा. अधिकतर मतदाताओं के लिस्ट में से नाम गायब होना . मतदाताओं का घर से ना निकलना बड़ा कारण माना जा रहा है. मतदान प्रतिशत कम होने के चलते बीजेपी के उम्मीदवारों की चिंता बढ़ गई है. बीते चुनाव में दूसरे नंबर पर रही बहुजन समाज पार्टी को इस चुनाव में फायदा मिल सकता है. हालांकि वास्तविकता 13 मई को मतगणना के बाद ही पता चलेगी.
आगरा में नगर निकाय चुनाव में महापौर के पद पर पिछले 6 बार से बीजेपी का कब्जा रहा है. बहुजन समाज पार्टी महापौर की सीट पर कब्जा भले नहीं कर पाई लेकिन दूसरे नंबर पर रहकर भाजपा को लंबे समय से टक्कर दे रही है. वहीं समाजवादी पार्टी महापौर के चुनाव में तीसरे नंबर पर ही सिमट गई है. कई चुनाव से समाजवादी पार्टी त्रिकोणीय मुकाबला बनाने की कोशिश तो करती है लेकिन सफल नहीं होती. इस चुनाव में आगरा में संगठन की शिथिलता और बस्तों की गैर मौजूदगी बताई जा रही है.
आगरा में अगर मतदान प्रतिशत की बात की जाए तो पिछले नगर निकाय चुनाव से करीब 3.50 फ़ीसदी कम मतदान हुआ. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों के समीकरण को मतदान प्रतिशत ने बिगाड़ दिया. पिछले चुनाव में 12.67 लाख मतदाताओं में से 5.09 लाख ने मतदान किया. इस बार 14.49 लाख मतदाताओं में से 544111 मतदाताओं ने वोट किया.
वहीं बताया जा रहा है कि आगरा में इस बार भारतीय जनता पार्टी में पार्षद प्रत्याशियों की टिकट का काफी विरोध हुआ. इसके चलते पार्षद प्रत्याशियों के सामने भाजपा के कार्यकर्ता बागी बनकर चुनाव लड़े . इसी वजह से भाजपा के पार्षद प्रत्याशियों का चुनावी गणित बिगड़ गया. कई वार्ड में बागी पार्षद प्रत्याशियों ने भाजपा के पार्षद प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दी है. यही कारण है कि आगरा में मतदान प्रतिशत कम हुआ तो भाजपा प्रत्याशियों की चिंता और ज्यादा बढ़ गई.
2017 में हुए नगर निकाय चुनाव में भाजपा के महापौर प्रत्याशी नवीन जैन को 42.77% वोट मिले थे. वही बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी दिगंबर सिंह ढाकरे को 28.18% वोट मिले. सपा के राहुल चतुर्वेदी को 9.77 प्रतिशत, निर्दलीय चौधरी बशीर को 6.92 प्रतिशत और कांग्रेस के प्रत्याशी विनोद बंसल को 4.43 प्रतिशत वोट मिले थे.
वरिष्ठ राजनीतिज्ञों का मानना है कि इस बार मतदान प्रतिशत कम होने के चलते हमेशा से नगर निकाय चुनाव में दूसरे नंबर पर रहने वाली बहुजन समाज पार्टी के पार्षद प्रत्याशियों और महापौर प्रत्याशी को फायदा मिल सकता है. हालांकि सभी पार्षद और महापौर प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है. जिसका फैसला अब 13 मई को मतगणना के दिन होगा.