गोरखपुर : गोरखपुर परिवार न्यायालय में लोक अदालत में आए एक मुकदमे में वहां मौजूद हर किसी को झकझोर की रख दिया. यह मुकदमा एक नाबालिक 12 वर्षीय बेटी ने अपने मां पर किया था. बेटी को आखिर 8 साल के बाद इंसाफ मिल ही गया. परिवार न्यायालय की लोक अदालत ने आदेश दिया है कि अब बेटी की देखभाल उसकी मां को करनी होगी. इतना ही नहीं भाई को हर माह ₹5000 बच्ची के खाते में भेजने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है.
वर्तमान में बेटी अपने चाचा के साथ रहती है. उसके पिता की मौत हो चुकी है. पिता की मौत के बाद उसकी देखभाल का जिम्मा मां उठाए इसके लिए बेटी ने यह मुकदमा किया था. शनिवार को प्रभारी प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय नीलू मोघा की कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया है. कोर्ट में आदेश दिया है की बेटी की देखभाल मां को करनी होगी. साथ ही उसके पालन पोषण के लिए भाई को बहन के खाते में ₹5000 भेजने होंगे.बच्ची शिवपुर शाहबाजगंज में चाचा के साथ रहती है.
Also Read: Ghosi Bypoll Result : 327 मतदान केंद्र पर हारी भाजपा, मुस्लिम क्षेत्र में बूथ प्रबंधन फेल, 10 से कम वोट
करीब 8 साल पहले उसकी माता-पिता में संबंध ठीक ना होने की वजह से दोनों अलग हो गए. बच्ची की मां अपने मायके में रहने लगी जबकि बच्ची और उससे 7 साल बड़ा उसका भाई पिता के साथ रह गए.पिता सरकारी नौकरी में थे. लगभग 4 वर्ष पहले उनका निधन हो गया. मां को पेंशन मिलने लगी. भाई बालिक हुआ तो उसे मृतक आश्रित कोटे से नौकरी से मिल गई.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप